अस्पताल से कंधे पर ले गया पति अपनी पत्नी का शव ,लोग बने रहे तमाशबीन
सादिक् अपनी पत्नी को कंधों पर ले जाते हुए |
सादिक् ने सड़क पर लोगो से मदद मांगी लेकिन किसी ने मदद नही की |
08 मई 2018
सूत्र: उत्तर प्रदेश के बदायू की ये घटना 07 मई 2018 सोमवार की बताई जा रही है जब इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली ये घटना घटी अस्पताल प्रशाशन ही नही यहाँ की जनता में भी असंवेदनशीलता देखने को मिली एक पति अपनी मृत पत्नी का शव अपने कंधों पर उठा कर अपने घर ले जा रहा था लेकिन किसी ने उसकी कोई मदद नही की । खबर के अनुसार सादिक नाम का व्यक्ति बदायू के मूसाझार थाना क्षेत्र के गांव मंझारा का रहने वाला है । सादिक की पत्नी जिला अस्पताल में भर्ती थी जहाँ डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया । वह अपनी पत्नी का शव अपने कंधे पर उठा कर घर तक ले जा रहा था लेकिन कोई उसकी मदद नही कर रहा था । तभी एक पत्रकार ने उसकी मदद की जिससे वो घर तक आ सका । प्राप्त जानकारी के अनुसार सादिक ने अस्पताल प्रशाशन के अधिकारियो से शव के लिए वाहन की व्यवस्था करने की प्रार्थना की थी लेकिन किसी ने एक न सुनी जनता तो छोड़िए अस्पताल प्रशाशन को ही देखिये की मृतक के लिए एक एम्बुलेंस की भी व्यवस्था नही कर सके । लोग सड़कों पर तमाशबीन बन कर बस तमाशा देखते रहते है और वीडियो बनाते रहते है लेकिन कोई भी पीड़ित की मदद को आगे नही आता जनता की इस कमजोरी का फायदा समाज में फैले कुछ मुट्ठी भर अपराधी उठाते है और बेख़ौफ़ सबके सामने जुर्म को अंजाम दे कर चले जाते है । लेकिन कोई नही किसी की मदद नही करता
सूत्र: उत्तर प्रदेश के बदायू की ये घटना 07 मई 2018 सोमवार की बताई जा रही है जब इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली ये घटना घटी अस्पताल प्रशाशन ही नही यहाँ की जनता में भी असंवेदनशीलता देखने को मिली एक पति अपनी मृत पत्नी का शव अपने कंधों पर उठा कर अपने घर ले जा रहा था लेकिन किसी ने उसकी कोई मदद नही की । खबर के अनुसार सादिक नाम का व्यक्ति बदायू के मूसाझार थाना क्षेत्र के गांव मंझारा का रहने वाला है । सादिक की पत्नी जिला अस्पताल में भर्ती थी जहाँ डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया । वह अपनी पत्नी का शव अपने कंधे पर उठा कर घर तक ले जा रहा था लेकिन कोई उसकी मदद नही कर रहा था । तभी एक पत्रकार ने उसकी मदद की जिससे वो घर तक आ सका । प्राप्त जानकारी के अनुसार सादिक ने अस्पताल प्रशाशन के अधिकारियो से शव के लिए वाहन की व्यवस्था करने की प्रार्थना की थी लेकिन किसी ने एक न सुनी जनता तो छोड़िए अस्पताल प्रशाशन को ही देखिये की मृतक के लिए एक एम्बुलेंस की भी व्यवस्था नही कर सके । लोग सड़कों पर तमाशबीन बन कर बस तमाशा देखते रहते है और वीडियो बनाते रहते है लेकिन कोई भी पीड़ित की मदद को आगे नही आता जनता की इस कमजोरी का फायदा समाज में फैले कुछ मुट्ठी भर अपराधी उठाते है और बेख़ौफ़ सबके सामने जुर्म को अंजाम दे कर चले जाते है । लेकिन कोई नही किसी की मदद नही करता
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