यूपी : कन्नौज में खुली पहली शरिया अदालत , योगी सरकार ने बताया असंवैधानिक व् गैरकानूनी
18 जुलाई 2018
यूपी: आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शरिया अदालत (दारुल कजा) को मंजूरी दे दी है इसका सबसे पहले असर कन्नौज में देखने को मिला यहाँ देश की पहली शरिया अदालत की शुरुआत की गई मदरसा इस्लामिया बदरुल उलूम हाजीगंज में इसकी शुरुआत की गई है यहाँ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने इसकी शुरुआत की आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसी तरह की 5 शरिया अदालते देश के अलग अलग हिस्सों में खोलने की परमिशन दी है ये अदालतें कन्नौज के अलावा गुजरात , सूरत, मुम्बई , राजस्थान ललितपुर में खोली जायेगी
योगी सरकार ने पर्सनल लॉ बोर्ड के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने इस शरिया अदालत को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया है उत्तरप्रदेश में अल्पसंख्यक मामलो के राज्यमंत्री मोहसिनरजा ने सुप्रीमकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि हरे देश की अदालतों के सामानांतर अदालत बनाना गैर कानूनी और असंवैधानिक है जिस मदरसे में ये अदालत चल रही है उसपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ।
इस पर पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता जफरयाब जिलानी ने कहा है कि ये समानांतर अदालत नही है उन्होंने कहा कि इस दारुल कजा में छोटे मोटे मामले निपटाए जायेंगे लेकिन अगर किसी को संतुष्टि नही होती है तो वो हाइकोर्ट जा सकता है उन्होंने कहा की ये पहली अदालत नही है बल्कि ऐसी अन्य 16 अदालतें देश भर में चल रही है ।
यूपी: आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शरिया अदालत (दारुल कजा) को मंजूरी दे दी है इसका सबसे पहले असर कन्नौज में देखने को मिला यहाँ देश की पहली शरिया अदालत की शुरुआत की गई मदरसा इस्लामिया बदरुल उलूम हाजीगंज में इसकी शुरुआत की गई है यहाँ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने इसकी शुरुआत की आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसी तरह की 5 शरिया अदालते देश के अलग अलग हिस्सों में खोलने की परमिशन दी है ये अदालतें कन्नौज के अलावा गुजरात , सूरत, मुम्बई , राजस्थान ललितपुर में खोली जायेगी
योगी सरकार ने पर्सनल लॉ बोर्ड के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने इस शरिया अदालत को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया है उत्तरप्रदेश में अल्पसंख्यक मामलो के राज्यमंत्री मोहसिनरजा ने सुप्रीमकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि हरे देश की अदालतों के सामानांतर अदालत बनाना गैर कानूनी और असंवैधानिक है जिस मदरसे में ये अदालत चल रही है उसपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ।
इस पर पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता जफरयाब जिलानी ने कहा है कि ये समानांतर अदालत नही है उन्होंने कहा कि इस दारुल कजा में छोटे मोटे मामले निपटाए जायेंगे लेकिन अगर किसी को संतुष्टि नही होती है तो वो हाइकोर्ट जा सकता है उन्होंने कहा की ये पहली अदालत नही है बल्कि ऐसी अन्य 16 अदालतें देश भर में चल रही है ।
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