नई दिल्ली: वैभव वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में हुआ अटल स्मृति का आयोजन , कल राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा मांग पत्र
22 अगस्त 2018
नई दिल्ली : आज दिल्ली के रायसीना मार्ग स्थित "प्रेस क्लब ऑफ इंडिया" मैं भारत रत्ना एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की श्रद्धांजलि सभा "अटल स्मृति" का आयोजन किया गया यह आयोजन राष्ट्रीय शोक के अंतर्गत किया गया इसका आयोजन "वैभव वेलफेयर सोसाइटी" तथा उसके सहयोगी "अटल सम्मान समारोह द ट्रस्ट ऑफ इंडिया" के तत्वावधान में अटल सम्मान समारोह आयोजन समिति ने किया यह संस्थान हर वर्ष संसद भवन में पिछले 4 वर्षों से राष्ट्र स्तरीय "अटल सम्मान समारोह" का आयोजन करता आ रहा है इसका समारोह का संयोजन अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि भुवनेश सिंघल ने किया इस अवसर पर अटल जी को बड़ी संख्या में पुष्पों द्वारा श्रद्धांजलि व हृदयांजलि दी गई साथ ही उपस्थित लोगों ने भारी संख्या में अटल जी के साथ पुराने संस्मरणों को साझा किया तथा कवियों ने उन पर लिखी रचनाओं का पाठ करके कवि सम्मेलन के रूप में "अटल काव्यांजलि" देकर किया इस अवसर पर अटल जी की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया तथा भुवनेश सिंघल ने सरकार से तीन मांगे रखते हुए उन मांगों के पूर्ण होने को ही सरकार द्वारा अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि देना बताया वही सिंघल ने अटल जी के जीवन के अनछुए पहलुओं पर आधारित एक महत्वपूर्ण पुस्तक "स्मृति अटल" है उनके संपादन में तैयार किए जाने की भी जानकारी दी इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व संस्था के संरक्षक श्याम जाजू भाजपा केशवपुरम के जिलाध्यक्ष व संस्था के चेयरमैन रोशन कंसल भाजपा जिला अध्यक्ष अजय महावर निगम पार्षद व संस्था के डिप्टी चेयरमैन के के अग्रवाल समाज सेवी नवीन पायल अटल जी के बचपन के पड़ोसी वरिष्ठ साहित्यकार पंडित सुरेश नीरव आदि ने अपने संस्मरण पर विचार साझा किए इस अवसर पर भुवनेश सिंघल ने अटल जी की कविताएं मौत से ठन गई वह 15 अगस्त का दिन कहता आज़ादी अभी अधूरी है आदि का पाठ किया व उनके साथ बिताए समय का जिक्र करते हुए कहा कि उनका पहला परिचय 1996 में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में एक सभा के दौरान हुआ था और अंतिम भेंट 16 अक्टूबर 2017 को करीब 10 माह पहले हुई थी इस अंतिम भेंट में सिंगल ने उन्हें अंगवस्त्र पहना कर उन पर हर वर्ष संसद में किए जाने वाले अटल सम्मान समारोह आयोजन का एक प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया था और उनके साथ करीब आधा घंटा बिताया था जिसमें उन्होंने अटल जी के चरणों में बैठकर उनके सिर माथे को सहला कर खूब सारा प्यार हासिल किया था यह कहते हुए सिंगल भावुक हो गए और उनके नयन सजल हो गए वहीं उन्होंने यह भी बताया कि "वैभव वेलफेयर सोसाइटी" "अटल सम्मान समारोह ट्रस्ट ऑफ इंडिया" की अटल सम्मान समारोह आयोजन समिति द्वारा भारतीय राजनीति के शिखर पुरूष भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल जी के जन्म दिवस के उपलक्ष में राष्ट्रीय स्तरीय अटल सम्मान समारोह का आयोजन हर वर्ष संसद भवन में किया जाता है जिसमें देश के तमाम सुप्रसिद्ध हस्तियों एवं प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाता है वही उन्होंने जानकारी भी दी कि उन्होंने उनके संपादन प्रतिवर्ष अटलजी पर आधारित एक पुस्तक भी प्रकाशित की जाती है और इस वर्ष भी 24 दिसंबर 2018 को अटल जी के जीवन से जुड़े संस्मरण पर आधारित पुस्तक "स्मृति अटल है" जिसे वह संपादित कर रहे हैं को लोकार्पित किया जाएगा यह पुस्तक एक अत्यंत महत्वपूर्ण पुस्तक होगी जिसकी तैयारी पिछले 2 वर्षों से चल रही है इसमें काफी मेहनत करनी पड़ रही है इसमें अटल जी के अनेक ऐसे संस्मरण होंगे जो पाठकों के लिए बिल्कुल नए व रोचक होंगे इसमें अटल जी के पुराने मित्र बचपन के साथी व राजनीतिज्ञ साथियों कलाकारों व साहित्यकारों से यह संस्मरण प्राप्त किए गए हैं
वहीं सिंघल ने इस अवसर पर सभा के दौरान उपस्थित बुद्धिजीवियों के समक्ष मांग पत्र पेश करते हुए श्री महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उपराज्यपाल अनिल बैजल व सांसद मनोज तिवारी से तीन मांगे रक्खी की युगपुरुष भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके जन्म दिवस 25 दिसंबर को अटल जयंती के रूप में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए तथा उनके द्वारा हर साल दिए जाने वाले अटल सम्मान समारोह की तर्ज पर सरकारी संस्थानों पर अकादमियों आदि के द्वारा भी अटल जी के नाम पर कलाकारों साहित्यकारों समाजसेवियों पर बुद्धिजीवियों को सम्मानित किया जाए और साथ ही हरिद्वार में गंगा तट पर अटल जी की अस्थियों का मुख्य रुप से विसर्जन किए जाने के चलते गंगा तट के किसी घाट का नाम "अटल घाट' किया जाए क्योंकि श्रद्धेय अटल जी का व्यक्तित्व अत्यंत ही इतना पवित्र रहा है कि वह आम जनमानस से लेकर विपक्षी गलियारों तक मैं स्वीकार है तथा सर्वमान्य रहा है और यह किसी को बताकर सिद्ध करने की आवश्यकता शेष नहीं है क्योंकि यह सभी ने प्रत्यक्ष रुप से उनकी अंतिम यात्रा में स्वयं देखा है उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यकता पड़ी तो वह आगे भी बड़े पैमाने पर अपनी मांग के समर्थन को लेकर हस्ताक्षर अभियान चला सकते हैं हालांकि उन्हें आशा है कि उनकी मांगो को माना जाएगा इसलिए देश के कर्णधार उनकी मांगों को शीघ्र मान लेंगे उन्होंने श्रद्धांजलि सभा में आए पत्रकार और राजनेताओं कलाकारों में साहित्यकारों कवियों आधिकार धन्यवाद भी किया इस अवसर पर सभी बुद्धिजीवियों ने भुवनेश सिंगल की मांग का समर्थन किया और मांग पत्र पर हस्ताक्षर कर महामहिम राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपराज्यपाल अनिल बैजल व् सांसद मनोज तिवारी को भेजना तय किया है
सिंघल ने बताया कि हर वर्ष अटल जी के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर अटल जी को समर्पित एक पुस्तक प्रकाशित की जाती है इस वर्ष भी 24 दिसंबर 2018 को उनके संपादन में उनके द्वारा तैयार है अटल जी के जीवन से जुड़े संस्मरण पर आधारित पुस्तक "स्मृतियां अटल है" पुस्तक का लोकार्पन किया जाएगा यह पुस्तक अत्यंत महत्वपूर्ण पुस्तक होगी जिसकी तैयारी पिछले 2 वर्षों से चल रही है इसमें अटल जी के अनेक ऐसे संस्मरण होंगे जो लोगों के लिए बिल्कुल नए रोचक होंगे उनके पुराने मित्र बचपन के साथियों साथी राजनीतिज्ञ कलाकारों व साहित्यकारों से यह संस्मरण प्राप्त किए जाएंगे
नई दिल्ली : आज दिल्ली के रायसीना मार्ग स्थित "प्रेस क्लब ऑफ इंडिया" मैं भारत रत्ना एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की श्रद्धांजलि सभा "अटल स्मृति" का आयोजन किया गया यह आयोजन राष्ट्रीय शोक के अंतर्गत किया गया इसका आयोजन "वैभव वेलफेयर सोसाइटी" तथा उसके सहयोगी "अटल सम्मान समारोह द ट्रस्ट ऑफ इंडिया" के तत्वावधान में अटल सम्मान समारोह आयोजन समिति ने किया यह संस्थान हर वर्ष संसद भवन में पिछले 4 वर्षों से राष्ट्र स्तरीय "अटल सम्मान समारोह" का आयोजन करता आ रहा है इसका समारोह का संयोजन अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि भुवनेश सिंघल ने किया इस अवसर पर अटल जी को बड़ी संख्या में पुष्पों द्वारा श्रद्धांजलि व हृदयांजलि दी गई साथ ही उपस्थित लोगों ने भारी संख्या में अटल जी के साथ पुराने संस्मरणों को साझा किया तथा कवियों ने उन पर लिखी रचनाओं का पाठ करके कवि सम्मेलन के रूप में "अटल काव्यांजलि" देकर किया इस अवसर पर अटल जी की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया तथा भुवनेश सिंघल ने सरकार से तीन मांगे रखते हुए उन मांगों के पूर्ण होने को ही सरकार द्वारा अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि देना बताया वही सिंघल ने अटल जी के जीवन के अनछुए पहलुओं पर आधारित एक महत्वपूर्ण पुस्तक "स्मृति अटल" है उनके संपादन में तैयार किए जाने की भी जानकारी दी इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व संस्था के संरक्षक श्याम जाजू भाजपा केशवपुरम के जिलाध्यक्ष व संस्था के चेयरमैन रोशन कंसल भाजपा जिला अध्यक्ष अजय महावर निगम पार्षद व संस्था के डिप्टी चेयरमैन के के अग्रवाल समाज सेवी नवीन पायल अटल जी के बचपन के पड़ोसी वरिष्ठ साहित्यकार पंडित सुरेश नीरव आदि ने अपने संस्मरण पर विचार साझा किए इस अवसर पर भुवनेश सिंघल ने अटल जी की कविताएं मौत से ठन गई वह 15 अगस्त का दिन कहता आज़ादी अभी अधूरी है आदि का पाठ किया व उनके साथ बिताए समय का जिक्र करते हुए कहा कि उनका पहला परिचय 1996 में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में एक सभा के दौरान हुआ था और अंतिम भेंट 16 अक्टूबर 2017 को करीब 10 माह पहले हुई थी इस अंतिम भेंट में सिंगल ने उन्हें अंगवस्त्र पहना कर उन पर हर वर्ष संसद में किए जाने वाले अटल सम्मान समारोह आयोजन का एक प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया था और उनके साथ करीब आधा घंटा बिताया था जिसमें उन्होंने अटल जी के चरणों में बैठकर उनके सिर माथे को सहला कर खूब सारा प्यार हासिल किया था यह कहते हुए सिंगल भावुक हो गए और उनके नयन सजल हो गए वहीं उन्होंने यह भी बताया कि "वैभव वेलफेयर सोसाइटी" "अटल सम्मान समारोह ट्रस्ट ऑफ इंडिया" की अटल सम्मान समारोह आयोजन समिति द्वारा भारतीय राजनीति के शिखर पुरूष भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल जी के जन्म दिवस के उपलक्ष में राष्ट्रीय स्तरीय अटल सम्मान समारोह का आयोजन हर वर्ष संसद भवन में किया जाता है जिसमें देश के तमाम सुप्रसिद्ध हस्तियों एवं प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाता है वही उन्होंने जानकारी भी दी कि उन्होंने उनके संपादन प्रतिवर्ष अटलजी पर आधारित एक पुस्तक भी प्रकाशित की जाती है और इस वर्ष भी 24 दिसंबर 2018 को अटल जी के जीवन से जुड़े संस्मरण पर आधारित पुस्तक "स्मृति अटल है" जिसे वह संपादित कर रहे हैं को लोकार्पित किया जाएगा यह पुस्तक एक अत्यंत महत्वपूर्ण पुस्तक होगी जिसकी तैयारी पिछले 2 वर्षों से चल रही है इसमें काफी मेहनत करनी पड़ रही है इसमें अटल जी के अनेक ऐसे संस्मरण होंगे जो पाठकों के लिए बिल्कुल नए व रोचक होंगे इसमें अटल जी के पुराने मित्र बचपन के साथी व राजनीतिज्ञ साथियों कलाकारों व साहित्यकारों से यह संस्मरण प्राप्त किए गए हैं
वहीं सिंघल ने इस अवसर पर सभा के दौरान उपस्थित बुद्धिजीवियों के समक्ष मांग पत्र पेश करते हुए श्री महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उपराज्यपाल अनिल बैजल व सांसद मनोज तिवारी से तीन मांगे रक्खी की युगपुरुष भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके जन्म दिवस 25 दिसंबर को अटल जयंती के रूप में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए तथा उनके द्वारा हर साल दिए जाने वाले अटल सम्मान समारोह की तर्ज पर सरकारी संस्थानों पर अकादमियों आदि के द्वारा भी अटल जी के नाम पर कलाकारों साहित्यकारों समाजसेवियों पर बुद्धिजीवियों को सम्मानित किया जाए और साथ ही हरिद्वार में गंगा तट पर अटल जी की अस्थियों का मुख्य रुप से विसर्जन किए जाने के चलते गंगा तट के किसी घाट का नाम "अटल घाट' किया जाए क्योंकि श्रद्धेय अटल जी का व्यक्तित्व अत्यंत ही इतना पवित्र रहा है कि वह आम जनमानस से लेकर विपक्षी गलियारों तक मैं स्वीकार है तथा सर्वमान्य रहा है और यह किसी को बताकर सिद्ध करने की आवश्यकता शेष नहीं है क्योंकि यह सभी ने प्रत्यक्ष रुप से उनकी अंतिम यात्रा में स्वयं देखा है उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यकता पड़ी तो वह आगे भी बड़े पैमाने पर अपनी मांग के समर्थन को लेकर हस्ताक्षर अभियान चला सकते हैं हालांकि उन्हें आशा है कि उनकी मांगो को माना जाएगा इसलिए देश के कर्णधार उनकी मांगों को शीघ्र मान लेंगे उन्होंने श्रद्धांजलि सभा में आए पत्रकार और राजनेताओं कलाकारों में साहित्यकारों कवियों आधिकार धन्यवाद भी किया इस अवसर पर सभी बुद्धिजीवियों ने भुवनेश सिंगल की मांग का समर्थन किया और मांग पत्र पर हस्ताक्षर कर महामहिम राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपराज्यपाल अनिल बैजल व् सांसद मनोज तिवारी को भेजना तय किया है
सिंघल ने बताया कि हर वर्ष अटल जी के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर अटल जी को समर्पित एक पुस्तक प्रकाशित की जाती है इस वर्ष भी 24 दिसंबर 2018 को उनके संपादन में उनके द्वारा तैयार है अटल जी के जीवन से जुड़े संस्मरण पर आधारित पुस्तक "स्मृतियां अटल है" पुस्तक का लोकार्पन किया जाएगा यह पुस्तक अत्यंत महत्वपूर्ण पुस्तक होगी जिसकी तैयारी पिछले 2 वर्षों से चल रही है इसमें अटल जी के अनेक ऐसे संस्मरण होंगे जो लोगों के लिए बिल्कुल नए रोचक होंगे उनके पुराने मित्र बचपन के साथियों साथी राजनीतिज्ञ कलाकारों व साहित्यकारों से यह संस्मरण प्राप्त किए जाएंगे
Thnaks ranjeet kashyap ji
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