फर्रुखाबाद : देश की आज़ादी में फर्रुखाबाद की ऐतिहासिक कहानी , दिलीप कश्यप कलमकार की जुबानी
15 अगस्त 2018
स्वतन्त्रता दिवस पर विशेष
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देश की आजादी में फर्रुखाबाद की भूमिका ,, कुछ इतिहासिक बाते---
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------आजादी के दीवानों की कहानी -----
फर्रुखाबाद -आज हम आपके सम्मुख आजादी से जुड़ा फर्रुखाबाद का कुछ इतिहास सामने लेकर आये है ।
बात उस समय की है जब देश को अंग्रेजो ने गुलामी की जंजीरों से जकड़ रखा था बताते है कि देश को स्वतंत्र कराने के लिये अमर शहीदों ने अपनी जान की बाजी लगाकर आने प्राण न्योछावर कर दिए तब जाकर कही आजादी मिली । देश पूरी तरह से गुलामी में जी रहा था अंग्रेजी हुकूमत काम कर रही थी दिन प्रतिदिन अंग्रेज भारतीयों पर अत्याचार करते थे जो भी जबाब देता वो बदले में मौत पाता वो दौर कैसा रहा होगा यह तो हमारे पूर्वज ही जानते होंगे । देश की आजादी में फर्रुखाबाद जैसे शहर की अहम भागीदारी रही है इसे भुलाया नही जाता इसीलिये आपको इस बात से भी अबगत करना बेहद जरूरी है । आपको बता दे कि हमारे जनपद से लगभग 161 स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिये लड़ाई लड़ी और जेल गए जिनके नाम आपको शहर के नगर पालिका विश्राम गृह पर फोटो के साथ देखने को मिलेंगे यही नही फर्रुखाबाद में अंग्रेजी शासन के दौरान जिन लोगो को कालापानी की सजा दी गई थी उनकी भी फेहरिस्त बहुत लंबी है --- अपने जनपद का इतिहास इतना लंबा है इसे जितना खंगालेंगे उतनी सच्चाई सामने आएगी वही जानकार बताते है कि अंग्रेजी हुकूमत के समय हमारे जिले में गंगा तट के किनारे बहुत बड़ा बंदरगाह हुआ करता था जहां से अफीम और नील का कारोबार पड़े पैमाने हुआ करता था इसी क्रम में अंग्रेजो ने सेंटर जेल का निर्माण कराया जहा भारतीयों को रखा जाता था यही पर शहीद मणिन्द्र नाथ बनर्जी को रखा गया था उनकी प्रतिमा आज भी मौजूद है । बताते है कि देश की स्वतंत्रता में अग्रणी रहे नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने अपनी मृत्यु के पूर्व सबसे अंतिम जनसभा फर्रुखाबाद के पटेल पार्क 25 फरवरी बर्ष 1940 में संबोधित की थी और आजादी का बिगुल फूंका यही नही फर्रुखाबाद में न जाने कितने स्वतंत्रता सेनानी रहे जिनका नाम आज तक सामने नही आ पाया । वही आज् फर्रुखाबाद में कुछ ऐसी ऐतिहासिक इमारते है जो कि खण्डार में तब्दील हो गई है जिन्हें आज सजोने की जरूरत है यह हमारी विरासत है ।
नोट-- इस इतिहास में बहुत सी त्रुटियां हो सकती है इसे अन्यथा तोड़ मरोड़ के न रखा जाए ।
यह जानकारी किताबी है व लोगो से अर्जित की हुई है जय हिन्द जय भारत .....
स्वतन्त्रता दिवस पर विशेष
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देश की आजादी में फर्रुखाबाद की भूमिका ,, कुछ इतिहासिक बाते---
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------आजादी के दीवानों की कहानी -----
फर्रुखाबाद -आज हम आपके सम्मुख आजादी से जुड़ा फर्रुखाबाद का कुछ इतिहास सामने लेकर आये है ।
बात उस समय की है जब देश को अंग्रेजो ने गुलामी की जंजीरों से जकड़ रखा था बताते है कि देश को स्वतंत्र कराने के लिये अमर शहीदों ने अपनी जान की बाजी लगाकर आने प्राण न्योछावर कर दिए तब जाकर कही आजादी मिली । देश पूरी तरह से गुलामी में जी रहा था अंग्रेजी हुकूमत काम कर रही थी दिन प्रतिदिन अंग्रेज भारतीयों पर अत्याचार करते थे जो भी जबाब देता वो बदले में मौत पाता वो दौर कैसा रहा होगा यह तो हमारे पूर्वज ही जानते होंगे । देश की आजादी में फर्रुखाबाद जैसे शहर की अहम भागीदारी रही है इसे भुलाया नही जाता इसीलिये आपको इस बात से भी अबगत करना बेहद जरूरी है । आपको बता दे कि हमारे जनपद से लगभग 161 स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिये लड़ाई लड़ी और जेल गए जिनके नाम आपको शहर के नगर पालिका विश्राम गृह पर फोटो के साथ देखने को मिलेंगे यही नही फर्रुखाबाद में अंग्रेजी शासन के दौरान जिन लोगो को कालापानी की सजा दी गई थी उनकी भी फेहरिस्त बहुत लंबी है --- अपने जनपद का इतिहास इतना लंबा है इसे जितना खंगालेंगे उतनी सच्चाई सामने आएगी वही जानकार बताते है कि अंग्रेजी हुकूमत के समय हमारे जिले में गंगा तट के किनारे बहुत बड़ा बंदरगाह हुआ करता था जहां से अफीम और नील का कारोबार पड़े पैमाने हुआ करता था इसी क्रम में अंग्रेजो ने सेंटर जेल का निर्माण कराया जहा भारतीयों को रखा जाता था यही पर शहीद मणिन्द्र नाथ बनर्जी को रखा गया था उनकी प्रतिमा आज भी मौजूद है । बताते है कि देश की स्वतंत्रता में अग्रणी रहे नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने अपनी मृत्यु के पूर्व सबसे अंतिम जनसभा फर्रुखाबाद के पटेल पार्क 25 फरवरी बर्ष 1940 में संबोधित की थी और आजादी का बिगुल फूंका यही नही फर्रुखाबाद में न जाने कितने स्वतंत्रता सेनानी रहे जिनका नाम आज तक सामने नही आ पाया । वही आज् फर्रुखाबाद में कुछ ऐसी ऐतिहासिक इमारते है जो कि खण्डार में तब्दील हो गई है जिन्हें आज सजोने की जरूरत है यह हमारी विरासत है ।
नोट-- इस इतिहास में बहुत सी त्रुटियां हो सकती है इसे अन्यथा तोड़ मरोड़ के न रखा जाए ।
यह जानकारी किताबी है व लोगो से अर्जित की हुई है जय हिन्द जय भारत .....
(दिलीप कश्यप क़लमकार फर्रुखाबाद- 9026692199)
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