फर्रुखाबाद : देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई को काव्यपाठ करके दी गई श्रद्धांजलि , गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर हुआ कार्यक्रम

18 अगस्त 2018
यूपी फर्रुखाबाद- गोस्वामी तुलसीदास की जयंती पर घुमना बाज़ार स्थित राधा श्याम शक्ति मन्दिर में  एक साहित्यिक काव्य गोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय कवि संगम व वाणी वियानक के तत्वधान में  किया गया  वही देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल विहारी  वाजपेई को भी  साहित्यकारों ने कविता पाठ कर उन्हें श्रद्धाजलि दी
इसी के साथ कार्यक्रम के मुख्य अथिति डॉक्टर रामबाबू रत्नेश ने गोस्वामी तुलसीदास के चरित्र पर प्रकाश डाला ।
कार्यक्रम का संचालन  महेश पाल सिंह उपकारी ने किया   अध्यक्षता गज़लकार नलिन श्रीवास्तव ने की
कार्यक्रम में मुख्य रूप से  युवा कवि उत्कर्ष अग्निहोत्री ने पढ़ा
योग तपस्या साधना ,किये प्रयत्न तमाम
जीवन बना प्रणाम जब, तब दिखे श्रीराम
नलिन श्रीवास्तव ने पढ़ा
रख दिया  है राम को शब्दों में ढ़ालकर, जिस तरह माता जवा करती है बेटा पालकर इसी के साथ  निमिष टण्डन भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए पढ़ा 
आँख मूँदकर तीन रंग का,कफ़न लपेटा चला गया
मन आहत है भारत माँ का ,प्यारा बेटा चला गया ..
उपकारमणि ने रचना पढी तुमने मर के जीत लिया जग, हम जी के भी जी ना पाये,
वो जीना भी है क्या जीना,घूँट जहर के पी ना पाये,
चरैवेति सिध्दान्त अटल है और सदा वो अटल रहेगा,
संघर्षो के रहे पुजारी आदर्शों के दायें बायें।
भारतीय राजनीति के पुरोधा प्रखर राष्ट्र भक्त  ओजस्वी कवि और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी के महा प्रयाण पर अश्रुपूर्ण श्रध्दांजलि देते हुए छन्द सम्राट रामअवतार शर्मा इन्दु ने  छंद  पढ़ा
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धरा औ गगन अमगन से प्रतीत होत
                      सुख के समाजन के पग जानु उखरे।
डारति अगिन जैसे पुरवा पवन तरु
                     पल्लव मरोरे मन म्लान सो किए खरे।
इन्दु कवि मातु भारती हूं आज रोवति है
                       गंग -जमुना हैं जैसे नैन अंसुआ भरे।
कैसी हाहाकार देशवासिन के प्यार
                 राष्ट्र भक्ति के विचार इतिहासन मैं उतरे।
वरिष्ठ कवि एवं लेखक डॉक्टर राजेश हजेला ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेई को भाव पूर्ण श्रद्धाजंलि  देते हुए उन्हें राजनीति का शिखर पुरुष बताया ।
उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास को प्रणाम निवेदित करते हुए कहा कि राम चरित मानस की विशेषता है कि वह देश ही नही विदेशों में भी पूज्यनीय एवं संग्रहणीय है यह राम चरित मानस का रुषी भाषा मे अनुवाद करने के कारण वहां के लेखक वाराइन्न्यकोव को तुलसीदास    की संज्ञा प्राप्त है रामचरित मानस श्रेष्ठ जीवन जीने के लिये एक आदर्श आचार संहिता है । उपकार मणि उपकार  डॉक्टर संतोष पाण्डेय उत्कर्ष अग्निहोत्री   नलिन श्रीवास्तव ,  ज्योति स्वरूप  अग्निहोत्री ,  दिनेश अवस्थी  डॉक्टर  रमाकांत दीक्षित रामौतार शर्मा इन्दु  आदि ने काव्य पाठ किया ।
 रिपोर्ट : (दिलीप कश्यप कलमकार फर्रुखाबाद)
 

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