पत्रकारों पर मारपीट ,फ़र्ज़ी मुकद्दमे , कुचक्र रचने वालो के विरुद्ध कारवाही के संबंध में राज्यपाल ने सीएम को लिखा पत्र
26 अक्टूबर 2018
उत्तरप्रदेश : अब पत्रकारों के साथ मारपीट करने वालो की व फ़र्ज़ी मुकद्दमे दर्ज कराने वालों की खैर नही है आये दिन माफियाओं द्वारा पत्रकारों पर फ़र्ज़ी मुकद्दमे दर्ज कराने वाले तथा कुचक्र रचने वाले हो जाये सावधान ।
राज्यपाल रामनाईक ने सीएम योगी को लिखा पत्र इस पत्र में कहा गया है कि पत्रकारों पर हो रहे मारपीट ,फ़र्ज़ी मुकद्दमे , तथा कुचक्र रचने वालो के विरुद्ध कार्यवाही हेतु विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने 13 अक्टूबर 2018 को राज्यपाल रामनाईक को शिकायत पत्र लिखा था शिकायत पत्र पर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने ये पत्र कार्यवाही के संबंध में सीएम योगी को भेजा है ।
लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमले, मारपीट, तथा फ़र्ज़ी मुकद्दमे दर्ज कराए जा रहे है लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया जा रहा है पत्रकारों की आवाज़ को दबाने का प्रयास किया जा रहा है आये दिन कोई न कोई पत्रकार संगठन अपने साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए दिखाई देते है घर निकलते समय पत्रकार खुद को असुरक्षित महसूस करता है पता नही कब हमला हो जाये सच्चाई लिखने पर पता नही कब उसपर मुकद्दमा दर्ज करा दिया जाये आज के समय में पत्रकारिता एक संघर्ष से कम नही है रात दिन समाज के लिए काम करने वाला पत्रकार आज सुरक्षित नही है
माननीय राज्यपाल द्वारा सीएम को भेजे गए इस पत्र के बाद अब देखना ये है कि योगी सरकार पत्रकारों के लिए क्या करती है
क्या पत्रकारों पर लगे फ़र्ज़ी मुकद्दमे वापस होंगे ?
क्या पत्रकारों को सुरक्षा मिलेगी ?
क्या पत्रकारों को आज़ादी से काम करने दिया जायेगा ?
उत्तरप्रदेश : अब पत्रकारों के साथ मारपीट करने वालो की व फ़र्ज़ी मुकद्दमे दर्ज कराने वालों की खैर नही है आये दिन माफियाओं द्वारा पत्रकारों पर फ़र्ज़ी मुकद्दमे दर्ज कराने वाले तथा कुचक्र रचने वाले हो जाये सावधान ।
राज्यपाल रामनाईक ने सीएम योगी को लिखा पत्र इस पत्र में कहा गया है कि पत्रकारों पर हो रहे मारपीट ,फ़र्ज़ी मुकद्दमे , तथा कुचक्र रचने वालो के विरुद्ध कार्यवाही हेतु विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने 13 अक्टूबर 2018 को राज्यपाल रामनाईक को शिकायत पत्र लिखा था शिकायत पत्र पर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने ये पत्र कार्यवाही के संबंध में सीएम योगी को भेजा है ।
लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमले, मारपीट, तथा फ़र्ज़ी मुकद्दमे दर्ज कराए जा रहे है लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया जा रहा है पत्रकारों की आवाज़ को दबाने का प्रयास किया जा रहा है आये दिन कोई न कोई पत्रकार संगठन अपने साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए दिखाई देते है घर निकलते समय पत्रकार खुद को असुरक्षित महसूस करता है पता नही कब हमला हो जाये सच्चाई लिखने पर पता नही कब उसपर मुकद्दमा दर्ज करा दिया जाये आज के समय में पत्रकारिता एक संघर्ष से कम नही है रात दिन समाज के लिए काम करने वाला पत्रकार आज सुरक्षित नही है
माननीय राज्यपाल द्वारा सीएम को भेजे गए इस पत्र के बाद अब देखना ये है कि योगी सरकार पत्रकारों के लिए क्या करती है
क्या पत्रकारों पर लगे फ़र्ज़ी मुकद्दमे वापस होंगे ?
क्या पत्रकारों को सुरक्षा मिलेगी ?
क्या पत्रकारों को आज़ादी से काम करने दिया जायेगा ?
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