खुले में शौचमुक्त करने के नाम पर अधिकारियो की दादागिरी , ग्रामीण को मारा थप्पड़ -वीडियो वायरल
04 अक्टूबर 2018
बेगूसराय : ये वायरल वीडियो कल 3 अक्टूबर का बताया जा रहा है तेघड़ा प्रखंड बेगूसराय की घटना है इस वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि ये अधिकारी खुले में शौच मुक्त करने के नाम पर ग्रामीणों के साथ किस प्रकार मारपीट व् अभद्र व्यवहार करते है वीडियो में ग्रामीण लोग अधिकारियो के आगे ऐसे हाथ जोड़े खड़े है जैसे सामने कोई रियासत के राजा-महाराजा खड़े हो यही नही सबसे शर्मनाक बात यह है कि ये तानाशाह अधिकारी किस प्रकार से एक ग्रामीण को थप्पड़ मार कर खुश हो रहा है
आपको बता दें कि अभी तक ग्राम प्रधानों के कई शौचालय घोटालों की खबरे आ चुकी है कई जगह शौचालय के नाम पर केवल गड्ढे बना कर छोड़ दिए है तथा कही शौचालय केवल कागज़ों में ही बने है तो ऐसे में सरकार को चाहिए की वो जमीनी स्तर पर इस बात की पड़ताल करे की ग्राम प्रधानों को जो पैसा सरकार ने शौचालय के नाम पर दिया था वो सही जगह लगाया गया या नही ।
तथा इस प्रकार के दादागिरी दिखाने वाले अधिकारियो पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए हमारे ग्रामीण भाइयो को भी संविधान बराबर का अधिकार देता है फिर किसी को थप्पड़ मारने का अधिकार संविधान का कौन का कानून देता है ये सरासर मानवाधिकार का उल्लंघन है । किसी भी अधिकारी को ग्रामीणों को पीटने का अधिकार नही है । हमारे देश में न्याय पालिका है दंडाधिकारी है पूरी न्याय व्यवस्था है । जिसमे सबूतों के आधार पर दंड का प्रावधान है । इसलिए इस वायरल वीडियो में अधिकारी के कृत्य को न्यायोचिय नही ठहराया जा सकता इसकी जितनी निंदा की जाए कम है ।
बेगूसराय : ये वायरल वीडियो कल 3 अक्टूबर का बताया जा रहा है तेघड़ा प्रखंड बेगूसराय की घटना है इस वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि ये अधिकारी खुले में शौच मुक्त करने के नाम पर ग्रामीणों के साथ किस प्रकार मारपीट व् अभद्र व्यवहार करते है वीडियो में ग्रामीण लोग अधिकारियो के आगे ऐसे हाथ जोड़े खड़े है जैसे सामने कोई रियासत के राजा-महाराजा खड़े हो यही नही सबसे शर्मनाक बात यह है कि ये तानाशाह अधिकारी किस प्रकार से एक ग्रामीण को थप्पड़ मार कर खुश हो रहा है
आपको बता दें कि अभी तक ग्राम प्रधानों के कई शौचालय घोटालों की खबरे आ चुकी है कई जगह शौचालय के नाम पर केवल गड्ढे बना कर छोड़ दिए है तथा कही शौचालय केवल कागज़ों में ही बने है तो ऐसे में सरकार को चाहिए की वो जमीनी स्तर पर इस बात की पड़ताल करे की ग्राम प्रधानों को जो पैसा सरकार ने शौचालय के नाम पर दिया था वो सही जगह लगाया गया या नही ।
तथा इस प्रकार के दादागिरी दिखाने वाले अधिकारियो पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए हमारे ग्रामीण भाइयो को भी संविधान बराबर का अधिकार देता है फिर किसी को थप्पड़ मारने का अधिकार संविधान का कौन का कानून देता है ये सरासर मानवाधिकार का उल्लंघन है । किसी भी अधिकारी को ग्रामीणों को पीटने का अधिकार नही है । हमारे देश में न्याय पालिका है दंडाधिकारी है पूरी न्याय व्यवस्था है । जिसमे सबूतों के आधार पर दंड का प्रावधान है । इसलिए इस वायरल वीडियो में अधिकारी के कृत्य को न्यायोचिय नही ठहराया जा सकता इसकी जितनी निंदा की जाए कम है ।
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