हरदोई : शहर का सिनेमा हाउस बना दर्शकों के लिए ठग्स आँफ हरदोई
०९ नवंबर, २०१८
हरदोई। सीट्स उपलब्ध होते हुए भी हाउस फुल बताकर टिकेट्स ब्लैक करना, पार्किंग की फीस लेकर सेफ्टी सर्विस न देना, कैंटीन में खाने-पीने की वस्तुओं में लूट...
इन्हीं विशेषताओं की वजह से दर्शकों ने मीरा टाकिज़ को ठग्स ऑफ़ हरदोई का ख़िताब दे दिया।
गुरुवार को ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान मूवी के रिलीज़ के मौके पर दर्शकों ने टाकीज़ की तारीफ में उसके गेट पर ठग्स ऑफ़ हरदोई के नारे लगाए। दरअसल दर्शकों को मूवी सीन से ज्यादा ठगी टाकीज़ प्रबंधन में नज़र आई। यूँ तो पूरी मूवी उसके नाम अनुसार ठगी पर फिल्माई गई, इसके बावजूद फ़िल्म में उतनी भी ठगी नहीं थी जितनी दर्शकों ने अपने साथ टाकीज़ में महसूस की।
पॉकेट ही नहीं सेहत से भी ठगी
अब ज़रा इस लेख के साथ पोस्ट की गई तस्वीर पर गौर कीजिये। अगर आप इस तस्वीर को देखकर दिल्ली एनसीआर की धुंध का अनुमान लगा रहे हैं तो आपका अनुमान बिल्कुल गलत है। एक नज़र देखने में नज़ारा बिल्कुल वैसा ही है जैसा आप सोंच रहे हैं। लेकिन ज़रा गौर से देखेंगे तो धुंध के पीछे की तस्वीर माज़रा साफ कर देगी। मीरा चित्र मंदिर का भवन और उस पर चस्पा ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान के पोस्टर की धुंधली छवि से तस्वीर का स्थान स्पष्ट हो रहा है। जी हाँ, आप बिल्कुल सही पकड़े हैं। ये तस्वीर आपके हरदोई की मीरा टाकीज़ की ही है। अब दूसरा सवाल आपके मन के दरवाजे को खटखटाने लगा होगा। यही कि हरदोई में ये धुंध कैसी? चलिये, आपकी इस जिज्ञासा को भी शांत कर दिया जाये। टाकीज़ प्रबंधन ने ऐसी पार्किंग व्यवस्था की है कि जैसे ही कोई वाहन यहाँ पार्क होता है उसके पहिए ढेर सारी धूल हवा में घोल देते हैं। फिर यहाँ आने वालों का दम घुटने लगता है। स्वांस-दमा के मरीज तो तड़पने से लगते हैं। ऐसे में यदि आप भी स्वांस के मरीज हैं तो इस टाकीज़ में तो कम से कम अपना फ़िल्म दर्शन का शौक पूरा करने न ही जाएं।
रिपोर्ट : संतोष कुमार
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