हथछोया राजेंद्र कश्यप हत्याकांड को क्यों बताया जा रहा है मोबलीचिंग जबकि आरोपी है नामजद , समाज के नेताओ ने की दोषी पुलिस कर्मियों पर भी हत्या का मुकद्दमा चलाये जाने की मांग
01 दिसंबर 2018
झिंझाना : पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अभी कुछ ही महीनो पहले मंगलोर में खुलेआम हुए सुक्रमपाल कश्यप की हत्याकांड की आग अभी ठंडी भी नही हुई थी कि शामली के हथछोया गांव में पुलिस की मौजूदगी में हुई राजेंद्र कश्यप की ताबड़तोड़ पिटाई के बाद मौत ने मामले को और भी गरमा दिया है इस घटना से समाज में रोष व्याप्त है मीडिया में आने के बाद और भी मामला तूल पकड़ता जा रहा है पुलिस की गाडी डायल 100 से निकाल कर किसी युवक की ताबड़तोड़ पिटाई करना अपने आप में कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़ा करता है युवक की पिटाई होती रही और पुलिस कर्मी तमाशबीन बन कर तमाशा देखते रहे इस घटना ने उत्तरप्रदेश की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है वही पुलिस ने एफआईआर में इस हत्याकांड में छह आरोपियो को नाम जद किया है तथा घटना से सम्बंधित दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है
लेकिन समाज के नेता पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नही है इसी क्रम में मुरादाबाद शिवसेना जिलाध्यक्ष रामेश्वरदयाल तुरैहा व "सर्वजन समता पार्टी" तथा "कश्यप वंशज सभा" दोषी पुलिस कर्मियों पर भी हत्या की धाराओं में मुकद्दमा पंजीकृत करने की मांग कर रही है तथा ऐसा न करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली है ।
वही कुछ खबरों में इस घटना को मोबलीचिंग बताया जा रहा है जबकि ये कही से भी मोबलीचिंग का मामला नही लग रहा है क्यों की आरोपी की पहचान करके उन्हें एफआईआर में नामजद किया जा चुका है । जबकि मोबलीचिंग उसे कहते है जिसमे भीड़ द्वारा किसी घटना को अंजाम दिया जाये लेकिन इस घटना में ऐसा नही है जैसा की वीडियो देखने के बाद पता चलता है की इस हत्याकांड को भीड़ ने नही बल्कि चंद दंबंगो ने अंजाम दिया है तथा उनकी पहचान करके एफआईआर में उन्हें नामजद किया जा चुका है
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बताया जा रहा है कि राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग ने उत्तरप्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके इस हत्याकांड पर 4 दिन में जवाब मांगा है बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस हत्याकांड के 6 में से 4 आरोपियो को हिरासत में ले लिया है तथा 2 आरोपी अब भी फरार है ।
बड़ा सवाल : जिस प्रकार से घटना का वीडियो वायरल होने पहले इस घटना को छत से गिर कर मृत्यु होना बताया जा रहा था उसी तरह अब मोबलीचिंग बताया जाना कही इस घटना के आरोपियो को कवर देने का काम तो नही किया जा रहा है । आरोपियो की पहचान होने के बाद इस घटना को मोबलीचिंग कहना सवाल खड़े करता है जबकि आरोपी नामजद है ।
झिंझाना : पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अभी कुछ ही महीनो पहले मंगलोर में खुलेआम हुए सुक्रमपाल कश्यप की हत्याकांड की आग अभी ठंडी भी नही हुई थी कि शामली के हथछोया गांव में पुलिस की मौजूदगी में हुई राजेंद्र कश्यप की ताबड़तोड़ पिटाई के बाद मौत ने मामले को और भी गरमा दिया है इस घटना से समाज में रोष व्याप्त है मीडिया में आने के बाद और भी मामला तूल पकड़ता जा रहा है पुलिस की गाडी डायल 100 से निकाल कर किसी युवक की ताबड़तोड़ पिटाई करना अपने आप में कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़ा करता है युवक की पिटाई होती रही और पुलिस कर्मी तमाशबीन बन कर तमाशा देखते रहे इस घटना ने उत्तरप्रदेश की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है वही पुलिस ने एफआईआर में इस हत्याकांड में छह आरोपियो को नाम जद किया है तथा घटना से सम्बंधित दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है
लेकिन समाज के नेता पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नही है इसी क्रम में मुरादाबाद शिवसेना जिलाध्यक्ष रामेश्वरदयाल तुरैहा व "सर्वजन समता पार्टी" तथा "कश्यप वंशज सभा" दोषी पुलिस कर्मियों पर भी हत्या की धाराओं में मुकद्दमा पंजीकृत करने की मांग कर रही है तथा ऐसा न करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली है ।
वही कुछ खबरों में इस घटना को मोबलीचिंग बताया जा रहा है जबकि ये कही से भी मोबलीचिंग का मामला नही लग रहा है क्यों की आरोपी की पहचान करके उन्हें एफआईआर में नामजद किया जा चुका है । जबकि मोबलीचिंग उसे कहते है जिसमे भीड़ द्वारा किसी घटना को अंजाम दिया जाये लेकिन इस घटना में ऐसा नही है जैसा की वीडियो देखने के बाद पता चलता है की इस हत्याकांड को भीड़ ने नही बल्कि चंद दंबंगो ने अंजाम दिया है तथा उनकी पहचान करके एफआईआर में उन्हें नामजद किया जा चुका है
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बताया जा रहा है कि राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग ने उत्तरप्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके इस हत्याकांड पर 4 दिन में जवाब मांगा है बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस हत्याकांड के 6 में से 4 आरोपियो को हिरासत में ले लिया है तथा 2 आरोपी अब भी फरार है ।
बड़ा सवाल : जिस प्रकार से घटना का वीडियो वायरल होने पहले इस घटना को छत से गिर कर मृत्यु होना बताया जा रहा था उसी तरह अब मोबलीचिंग बताया जाना कही इस घटना के आरोपियो को कवर देने का काम तो नही किया जा रहा है । आरोपियो की पहचान होने के बाद इस घटना को मोबलीचिंग कहना सवाल खड़े करता है जबकि आरोपी नामजद है ।
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