बच्चों की खेल सामग्री पर हो रही धांधली, जिम्मेदार मौन-
13 मई, 2019
हरदोई, प्रेस इंडिया २४
हरपालपुर
सरकार चाहे सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों के लिए तरह-तरह की मनोरंजन व पढ़ाई के लिए योजनाएं चला रही है लेकिन सरकार के सपनों को उच्चाधिकारी साकार तो करते हैं लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं शिक्षा विभाग के निचले स्तर पर बैठे अधिकारियों की मोटी कमाई का जरिया बनती जा रही हैं |
ऐसा ही मामला उजागर हुआ है कि स्थानीय कस्बे में बने बीआरसी पर शासन के द्वारा भेजी गई बच्चों के खेल सामग्री की धनराशि पर बड़े पैमाने पर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अफसर प्राध्यापकों पर कमीशनबाजी कर रहे हैं | मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानाध्यापकों का कहना है कि एनपीआरसी प्रधानाध्यापकों से कहते हैं कि खंड शिक्षा अधिकारी का निर्देश है कि बीआरसी पर आई हुई खेल सामग्री किट आप लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी सभी अध्यापक बीआरसी से ही बच्चों के लिए आई खेल सामग्री प्राप्त करेंगे जबकि शासन के नियमानुसार प्रबंध समिति गठित करके दुकानदारों से खरीदी गई सामग्री का कोटेशन लेकर गुणवत्ता की परख होने के बाद ही सामग्री खरीदी जाएगी अगर समिति द्वारा खेल सामग्री की गुणवत्ता पर होने के बाद अच्छी पाई गई तो ही ली जाएगी नहीं तो नहीं खरीदी जाएगी लेकिन इन नियमों को ताक पर रखकर अपनी काली कमाई के चक्कर में घटिया किस्म की खेल सामग्री विद्यालयों में उपलब्ध कराई जा रही है
विकास खंड हरपालपुर में लगभग 183 विद्यालय हैं लेकिन स्थानीय कस्बे में बने बीआरसी पर शासन के नियमों को ताक पर रखकर शिक्षा विभाग उच्च अधिकारियों के नाम पर अध्यापकों को एनपीआरसी द्वारा सामग्री का वितरण करवाया जा रहा है सरकार चाहे सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर वर्ष लाखों रुपए क्यों ना खर्च करती हो लेकिन बताते चलें कि विकासखंड में कुल 183 विद्यालय हैं जूनियर व प्राथमिक विद्यालय, सभी प्राथमिक विद्यालय के लिए खेल सामग्री के लिए आई धनराशि रु 5000 रुपए हैं वहीं सरकार ने जूनियर विद्यालयों के लिए रु 10000 की खेल सामग्री के लिए धनराशि आवंटित की है जिसमें स्थानीय कस्बे में बने बीआरसी पर कमीशन बाजी का खेल रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है|
रिपोर्ट : संतोष कुमार
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