सूरत अग्निकांड- छात्र चौथी मंज़िल से कूद कर बचाते रहे जान , फायरब्रिगेड संसाधनों की कमी के चलते दिखा नाकाम , बना रहा मूकदर्शक, घटना का वीडियो वायरल
25 मई 2019
गुजरात सूरत :- कल 24 मई को सूरत के तक्षशिला कॉम्प्लेक्स में चौथी मंजिल पर चल रहे कोचिंग सेंटर में हुए भयंकर अग्निकांड ने देश को हिला कर रख दिया बताया जा रहा है कि कोचिंग सेंटर अवैध रूप से चल रहा था क्यों कि 24 जुलाई तक सरकार ने कमर्शियल व रिहायशी इलाकों में चल रहे कोचिंग सेंटरों को बंद करने का आदेश जारी किया लेकिन फिर भी कोचिंग सेंटर चालू था ये गलती किस की है ?
ये एक पहलू था लेकिन इस घटना का एक दूसरा पहलू भी है जिससे प्रशाशन अपनी नाकामी छुपाना चाहता है इस घटना का एक वीडियो हमे प्राप्त हुआ है जिसमे इस घटना का दर्दनाक मंज़र साफ दिखाई दे रहा है और साथ ही दिखाई दे रही है प्रशाशन की नाकामी
वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि आग से घिरी हुई बिल्डिंग से अपनी जान बचाने के लिए कुछ छात्र 4 मंजिल से छलांग लगाते हुए दिखाई दे रहे है जो कि सड़क पर गिर रहे हैं उन्हें कुछ पता नही है कि वो मरेंगे या बचेंगे ।
सबसे हैरानी की बात ये है कि मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मूक दर्शको की तरह मौजूद है मात्र 4 मंजिल की इमारत तक उसकी सीढियां नही पहुंच रही है , कोई बचाव के लिए रस्सी तक नही फेक रहा है जिससे छात्र सड़क पर कूदने के लिये मजबूर हुए साफ दिखाई दे रहा है कि फायरब्रिगेड के पास संसाधनों की भारी कमी है अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि 21 मौतों का जिम्मेदार कौन है ? कोचिंग चलाने वाले लोग या फिर फायर ब्रिगेड को संसाधन मुहैय्या न करा पाने वाला प्रशाशन ?
इस घटना के बाद गुजरात सरकार ने पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है ?
इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है जिनमें हरसुल वेकरिया उर्फ एचके, जिज्ञेश सवजी पाघडाल और भार्गव बूटाणी के नाम शामिल है ।
साथ ही मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं आग लगने का कारण ट्रांसफार्मर में आग लगना बताया जा रहा है जिससे बिल्डिंग में लगी लकड़ी की सीढ़ी जल गई और लगभग 40 बच्चे इस आग की चपेट में आ गए ।
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