कश्यप सहित 17 जातियां किस मुद्दे पर वोट करेंगी ? आरक्षण के लॉलीपॉप पर या ठोस मुद्दों पर - रिपोर्ट
आरक्षण के चक्कर मे घनचक्कर बनता रहा समाज । क्या है 17 जातियों को आरक्षण दिलाने के नाम पर सत्ता की मलाई चाटने का सच ?
हमने अक्सर देखा है जब भी चुनाव नजदीक आता है । तो एक बात जोरो से उठती है । और वो है 17 जातियों के आरक्षण का मुद्दा ओबीसी में आने वाली 17 जातियों को एससी में आरक्षण दिलवाने के नाम पर वोट मांगे जाते है । लेकिन चुनाव खत्म होते ही आरक्षण का मुद्दा भी खत्म हो जाता है । ना कोई आवाज़ सुनाई देती है ना कोई आंदोलन होता है कश्यप समाज ने अपने कई प्रतिनिधियों को सत्ता के गलियारे तक पहुंचाया है लेकिन समाज वही का वही है । अभी तक कोई बदलाव प्रकाश में नही आया है । ताज्जुब तो तब होता है । जब कुछ ऐसे लोग 17 जातियों का वोट मांगते है । जो कभी उनके सुख दुख में शामिल ही नही हुए जिन्होंने कभी उनके बारे में सोचा ही नही । 17 जातियों के नाम पर कोई सांसद बनना चाहता है तो कोई विधायक कोई बेटे को सांसद बना कर खुद डिप्टी सीएम बनना चाहता है । उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव में 17 जातियों के आरक्षण के नाम पर वोट मांगना कहाँ तक सही है । जबकि आरक्षण देने का अधिकार केंद्र के पास है । तो राज्य के चुनाव में आरक्षण की बीन क्यों बजाई जा रही है । कश्यप समेत समस्त सत्रह ओबीसी जातियों को । इस विषय पर सोचने की जरूरत है । कि हमारा वोट ठोस मुद्दों पर जाएगा या मात्र आरक्षण के लॉलीपॉप पर । हमारे बाकी मुद्दों का क्या होगा। जिस पर कोई नेता बात करने को तैयार नही होता । रोजगार ,अर्थव्यवस्था, व्यापार, शिक्षा आदि विकासशील मुद्दों पर बात करते ही जो मौन व्रत धारण कर लेते है । हमे इस विषय पर सोचने की जरूरत है तथा ऐसे लोगों को चिन्हित करने की जरूरत है ।
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