कुँवर सिंह निषाद तथा 10 अन्य लोगो पर गैरजमानती धाराओं में एफआईआर , पुलिस की मंशा पर उठे सवाल

यूपी - खबर मिली है कि वाराणसी के भेलूपुर थाने में कुँवर सिंह निषाद तथा अन्य 10 लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है ।

आपको बताते चलें कि आरक्षण की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में निकाली जा रही कश्यप-निषाद आरक्षण अधिकार यात्रा रद्द कर दी गई है जानकारी के अनुसार यह पद यात्रा 11 जुलाई 2021 को मथुरा से प्रारंभ हुई थी उसके बाद उत्तर प्रदेश के लगभग 16 जिलों में शांतिपूर्ण ढंग से निकाले जाने के बाद 31 जुलाई 2021 को वाराणसी में अस्सीघाट से दशाश्वमेघ तक शान्तिपूर्ण तरीके से निकाली जा रही थी कुँवर सिंह निषाद द्वारा निम्नलिखित कार्यक्रम निर्धारित किये गए थे ।
इस पदयात्रा को लेकर पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र द्वारा स्थानीय पुलिस को दिशा निर्देश जारी किए गए थे तथा इस पत्र की कॉपी कुँवर सिंह निषाद ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से पोस्ट की थी जो निम्नलिखित है 
(यहां इस बात की जांच की भी जरूरत है कि इस पत्र में दिए गए निर्देशो का कितना पालन किया गया ? या किस प्रकार से किया गया ?)
(हम इस पत्र की आधिकारिक पुष्टि नही करते है )
 
सूत्रों से प्राप्त सूचना के अनुसार शान्तिपूर्ण तरीके से निकाली जा रही इस पद यात्रा को वाराणसी की भेलूपुर थाने की पुलिस ने रोक दिया तथा यह पद यात्रा वहीं समाप्त करने को कहा लेकिन कुँवर सिंह निषाद शान्तिपूर्ण तरीके से यह यात्रा निर्धारित अस्सीघाट से दशाश्वमेघ घाट तक ले जाना चाहते थे तथा पुलिस बराबर उन्हें आगे जाने से रोक रही थी । इसी बात पर पुलिस तथा आंदोलनकारियों के बीच विवाद बढ़ गया । बताया जा रहा है पुलिस द्वारा सड़क पर पदयात्रा रोके जाने के कारण वहां ट्रेफिक जाम की स्थिति बन गई । हालांकि ये जांच का विषय है ।
मौके पर भारी पुलिस बल तैनात था इसके बाद पुलिस ने कुँवर सिंह निषाद समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया तथा सीआरपीसी की धारा 151,107,116 के तहत चलान कर दिया उसके बाद समाज के अन्य व्यक्ति इनको छुड़ा कर ले लाये कुँवर सिंह निषाद ने थाने से रिहा होने के बाद अपने सोशल मीडिया एकाउंट से एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें भेलूपुर पुलिस पर थाने ले जाकर मोबाइल बंद कराने तथा बर्बरतापूर्ण तरीके से मारने पीटने के आरोप लगाए। तथा एक कान से सुनाई ना देने की बात कही बाद में कान का पर्दा फटने की बात सामने आई । इसकी रिपोर्ट इन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी । 
कुँवर सिंह निषाद द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से भेलूपुर पुलिस पर बर्बरतापूर्ण तरीके से थाने ले जाकर पिटाई करने का आरोप लगाये जाने के बाद 01 अगस्त 2021 को भेलूपुर पुलिस द्वारा कुंवर सिंह निषाद व अन्य 10 आरोपियों पर जमानती तथा गैरजमानती धाराएं लगा दी गई पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी नीचे देखें।
 एफआईआर के अनुसार कुँवर सिंह निषाद सहित अन्य 10 लोगो पर धारा 154  सीआरपीसी दंड प्रक्रिया सहिंता के तहत )। मुकद्दमा दर्ज किया गया तथा 1 अगस्त्त 2021 को सभी आरोपियों पर धारा 147,188, 269, 270, 332, 353, 7, 15 (4) लगाई गई  इनमें से कई धाराएं गैरजमानती बताई जा रही है ।
इससे एक दिन पहले यानी 31 जुलाई को कुँवर सिंह निषाद तथा अन्य 10 लोगो का सीआरपीसी की धारा  151/107/116 के तहत चलान किया गया था प्राप्त जानकारी के अनुसार बाकी गैरजमानती धाराएं अगले दिन 01 अगस्त 2021 को जोड़ी गई । पुलिस द्वारा दर्ज की गई इस एफआईआर में निम्नलिखित को आरोपी बनाया गया है ।
कुँवर सिंह निषाद , सपना निषाद , वीरपाल गहलौत, कैलाश निषाद, लक्ष्मी नारायण निषाद, सतीश निषाद , दीपक शर्मा, करन निषाद ,अजय निषाद, मयंक निषाद, के नाम शामिल किए गए है।  तथा एक अज्ञात बताया गया है ।
उठे सवाल -
आपको बताते चलें कि इस बात पर सवाल भी उठाए जा रहे है कि आखिर घटना वाले दिन ही गैरजमानती धाराएं क्यों नही लगाई गई ? तथा सोशल मीडिया पर एक वीडियो के माध्यम से कुँवर सिंह निषाद द्वारा पुलिस पर पिटाई का गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद ही पुलिस की एफआईआर में इन गैरजमानती धाराओं को क्यों जोड़ा गया ? इसके पीछे पुलिस की क्या मंशा थी ? ये प्रश्न उठना लाजमी है । कि अगले ही दिन क्यो ? घटना वाले दिन क्यों नही ?  कुँवर सिंह निषाद ने 31 जुलाई को घटना वाले दिन भेलूपुर थाने से रिहा होने के बाद सोशल मीडिया पर जो वीडियो पोस्ट किया था  वो नीचे देखिये ।

इसके बाद 02 अगस्त 2021 को कुँवर सिंह निषाद द्वारा एक शिक़ायत पत्र पुलिस अधीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र को भेजा गया जिसमे उन्होंने भेलुपुर पुलिस पर बर्बरता से पिटाई करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की जांच तथा दोषियों पर कार्यवाही की मांग की । यही नही शिकायत पत्र में  कुँवर सिंह निषाद ने पिटाई के दौरान जातिसूचक शब्दो का प्रयोग करने तथा भद्दी भद्दी गालियां दिए जाने का भी आरोप लगाया है जानकारी के अनुसार इस मामले में कार्यवाही के लिए यह शिकायत पत्र अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग , अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग को भी भेजा गया है ।

पुलिस की मंशा सवालो के घेरे में ।
 जिस तरह से 31 जुलाई 2021 को घटना वाले दिन पहले जमानती धाराओं 151/107/116 में चालान किया गया उसके बाद कुँवर सिंह निषाद के द्वारा सोशल मीडिया पर आ कर पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाने के बाद अगले दिन यानी 01 अगस्त 2021 को दोपहर 02 :42 मिनट पर गैरजमानती धाराओं को जोड़ा गया ये अपने आप मे पुलिस की मंशा पर बड़े सवाल खड़े करता है क्योंकि एक दिन बाद अचानक याद आता है कि कौन-कौन सी धाराएं लगानी है जिससे मामला गैरजमानती बन जाये । 
आशंका
साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि कुँवर सिंह निषाद ने थाने से छूटने के बाद सोशल मीडिया पर जिन पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया उन्हें कही ना कही ये आशंका रही होगी कि कुँवर सिंह निषाद उन पर कानूनी कार्यवाही कर सकते है । तथा उन पुलिस कर्मियों द्वारा उस संभावित कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए कुँवर सिंह निषाद पर दवाब बनाने के उद्देश्य से शायद इस मामले को गैर जमानती बना दिया गया।  
सामाजिक छवि
आपको बताते चलें कि कुँवर सिंह निषाद के लिए यह सब नया नही है उनकी छवि शुरू से ही क्रांतिकारी रही है लगभग 10 वर्ष भाजपा में रहते हुए उन्होंने समाज व देश के लिए कई  आंदोलन किये , लाठियां खाई , मुकद्दमे झेले तथा जेल गए हाल ही में भाजपा की नीतियों से नाराज हो कर उन्होंने सैकड़ो कार्यकर्ताओ से साथ सामूहिक रूप से भाजपा से इस्तीफा दे दिया था तथा 17 जातियों के लिए आरक्षण आंदोलन की शुरुआत की थी जिसके बाद उन्हें कश्यप तथा निषाद समाज का भारी समर्थन मिल रहा था जहां भी कुँवर सिंह निषाद जा रहे थे समाज के लोग दिल खोल कर उनका स्वागत सत्कार कर रहे थे । उन्होंने नारा दिया था
 "आरक्षण नही तो वोट नही " 
एक संस्कारी युवक की तरह सभी का सम्मान करने वाले तथा समाज के लिए मर मिटने वाले कुँवर सिंह निषाद को अब जेल भेजने की तैयारी की जा रही है । तथा आरक्षण आंदोलन को रद्द कर दिया गया है । कुँवर सिंह निषाद पर की गई इस कार्यवाही की सोशल मीडिया पर लगातार निंदा की जा रही है । तथा कुँवर सिंह निषाद के साथ मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों पर भी कार्यवाही कि मांग उठ रही है ।

Note - सभी से निवेदन है कि सरकार द्वारा निर्धारित कोविड प्रोटोकाल का पालन करें मास्क लगाए, सेनेटाइजर का प्रयोग करें तथा सोशल डिस्टेनसिंग बनाये रक्खें , हम किसी भी तरह से हिंसा का समर्थन नही करते है अतः शन्ति बनाये रक्खें । उपरोक्त खबर- हमे प्राप्त हुई सूचना और तथ्यों के आधार पर है । इस खबर में प्रयोग होने वाली किसी भी सामग्री/ आरोप/ प्रत्यारोप/ वीडियो/ फोटो की अधिकारिक पुष्टि तथा समर्थन का दावा हम नही करते है ? ये जांच का विषय है ।


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