भाजपा ने वायदा पूरा नहीं किया जो वीआईपी अपने बलबूते लड़ेगी 165 सीटों पर चुनाव-लौटन राम निषाद
निषाद जातियों को एससी का आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं-मुकेश साहनी
भाजपा ने वायदा पूरा नहीं किया जो वीआईपी अपने बलबूते लड़ेगी 165 सीटों पर चुनाव-लौटन राम निषाद
लखनऊ 26 अगस्त 2021। विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) के संस्थापक व बिहार सरकार में पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी ने पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रतिनिधि सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहां कि आरक्षण नहीं तो मिशन 2022 में गठबंधन नहीं।
सांकेतिक तस्वीर
सहनी ने कहा कि पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उड़ीसा आदि राज्यों में निषाद समाज की मल्लाह,केवट, बिन्द आदि अनुसूचित जाति में हैं,तो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में क्यों नहीं? जैसे ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया उसी तरह क्षेत्रीयता समाप्त कर शीतकालीन सत्र में बिल लाकर निषाद मछुआ समुदाय की जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिया जा सकता है।अनुसूचित जाति का कोटा नहीं दिया गया तो मिशन 2022 में वीआईपी अपने बलबूते 165 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि निषाद समुदाय की मल्लाह, केवट, बिन्द, मांझी, धीवर, धीमर, कहार, गोड़िया, तुरहा, रायकवार, बाथम आदि जातियों का आरक्षण मुद्दा अत्यन्त संवेदनशील मुद्दा है। वीआईपी पार्टी का स्पष्ट मत है कि उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति में शामिल मझवार, तुरैहा, गोड़, बेलदार जाति को परिभाषित कर केन्द्र सरकार इनकी पर्यायवाची जातियों को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ देने का शासनादेश विधान सभा चुनाव से पूर्व जारी कर दिया तो वीआईपी भाजपा को समर्थन देने व उसकी नइया पार लगाने का काम करेगा। वीआईपी का "आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं" का मुद्दा साफ है।
सहनी ने कहा कि पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उड़ीसा आदि राज्यों में निषाद समाज की मल्लाह,केवट, बिन्द आदि अनुसूचित जाति में हैं,तो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में क्यों नहीं? जैसे ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया उसी तरह क्षेत्रीयता समाप्त कर शीतकालीन सत्र में बिल लाकर निषाद मछुआ समुदाय की जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिया जा सकता है।अनुसूचित जाति का कोटा नहीं दिया गया तो मिशन 2022 में वीआईपी अपने बलबूते 165 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि निषाद समुदाय की मल्लाह, केवट, बिन्द, मांझी, धीवर, धीमर, कहार, गोड़िया, तुरहा, रायकवार, बाथम आदि जातियों का आरक्षण मुद्दा अत्यन्त संवेदनशील मुद्दा है। वीआईपी पार्टी का स्पष्ट मत है कि उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति में शामिल मझवार, तुरैहा, गोड़, बेलदार जाति को परिभाषित कर केन्द्र सरकार इनकी पर्यायवाची जातियों को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ देने का शासनादेश विधान सभा चुनाव से पूर्व जारी कर दिया तो वीआईपी भाजपा को समर्थन देने व उसकी नइया पार लगाने का काम करेगा। वीआईपी का "आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं" का मुद्दा साफ है।
उत्तर प्रदेश आगमन पर मुकेश साहनी का भव्य स्वागत किया गया उसके बाद लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में पहुंच कर आरक्षण तथा गठबंधन जैसे मुद्दों पर बताई अपनी रणनीति । देखिये वीडियो ।
अब निषाद समाज किसी भी दल के वायदे पर विश्वास नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा विधान सभा चुनाव-2012 के चुनाव घोषणा पत्र में लिये गये संकल्पों के आधार पर मछुआरा समाज की जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण एवं मत्स्य पालन, बालू, मौरंग खनन, मत्स्याखेट व शिकारमाही का परम्परागत पुश्तैनी पेशा 1994-95 के शासनादेशानुसार देने का शासनादेश कर दिया तो निषाद समाज भाजपा का खेवनहार बनेगा।
साहनी ने कहा कि कांग्रेस, सपा, बसपा, भाजपा आदि दलों ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में निषाद जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का वायदा किया था लेकिन अभी तक यह झूठा छलावा साबित हुआ है। अब आरक्षण के मुद्दे पर वायदे पर विश्वास नहीं किया जा सकता। उत्तर प्रदेश व केन्द्र में भाजपा की सरकार है। अभी नहीं तो कभी नहीं। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने 18 फरवरी, 2004 को माझी, मझवार की भांति निषाद, मल्लाह, केवट, धीवर, कहार, रायकवार को अनुसूचित जनजाति, 8 नवम्बर, 2004 को बिहार की राजद सरकार ने निषाद, मल्लाह, केवट, भर, बिन्द,बेलदार, नोनिया, तुरहा आदि जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा था।केन्द्र की भाजपा सरकार इन प्रस्तावों को स्वीकार कर उत्तर प्रदेश, बिहार,झारखण्ड के निषाद जातियों को अनुसूचित जाति एवं मध्यप्रदेश की निषाद जातियों को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण देने का बिल लेकर राजपत्र व शासनादेश जारी कर दिया तो पूरी तरह भाजपा को समर्थन किया जाएगा व गठबंधन कर चुनाव लड़ा जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष लौटनराम निषाद प्रदेश पदाधिकारियों व आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों, मण्डल,जिलाध्यक्षों,प्रधान महासचिवों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहान कि निषाद समाज पउवा नहीं झउवा है। पूर्वांचल की 87, बुन्देलखण्ड की 9, मध्य उ0प्र0 की 37 व पश्चिमी उ0प्र0 36 सीटें निषाद, बिन्द, कश्यप के प्रभाव वाली सीटें हैं। भाजपा ने समय से आरक्षण का शासनादेश जारी कर दिया तो बिना सीटों के समझौते भाजपा का पूरी तरह मदद किया जायेगा अन्यथा आरक्षण नहीं मिला तो अपने नाव चुनाव चिन्ह पर अपने बलबूते या समान विचारधारा की पार्टी से गठबंधन कर वीआईपी पार्टी उ.प्र. के मिशन 2022 में मजबूती से उतरेगी।
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