वीआईपी पार्टी की तरफ से बरेली में आज मझवार आरक्षण की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपा गया
बरेली - बरेली में आज मझवार आरक्षण की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपा गया
आज बरेली मंडल अध्यक्ष राकेश कश्यप तथा जिलाअध्यक्ष प्रेम सिंह कश्यप युवा मोर्चा, जिला अध्यक्ष महेश पाल, कश्यप मंडल प्रभारी कमलजीत कश्यप, श्रीमती चंद्र कली महिला प्रकोष्ठ ,महिला प्रकोष्ठ श्रीमती शकुंतला देवी ,मुकेश कश्यप जिला कार्यकारिणी ,शेर सिंह कश्यप, इंद्रपाल , अजय कश्यप, नरेंद्र कश्यप ,जिला उपाध्यक्ष सत्यवान जी, जिला कार्यकारिणी हरि ओम कश्यप प्रधान ,महासचिव भूपेंद्र कश्यप, रमेश कश्यप , तथा अन्य कार्यकर्ताओं के साथ जिलाधिकारी महोदय बरेली को ज्ञापन सौपा गया ।
ज्ञापन निम्नलिखित मांगो के विषय पर दिया गया
भारत के संविधान की अनुसूची में अंकित उ०प्र० राज्य की अनुसूचिज जाति की सूची में मझवार के साथ उसकी समनामी / वंशानुगत जातिनाम मल्लाह, केवट, मांझी, मुजाबिर, राजगौड़ एवं गोड़ मझवार, अनुसूचित जाति गोड के साथ राजगौड़, गोड़िया, धुरिया, कहार, बाथम, रायकवार, धीमर, अनुसूचित जाति पासी, तडमाली के साथ मर, राजमर तथा तुरैहा के साथ तुरहा, तुराहा, धीवर, धीमर के साथ रखने की अधिसूचना एवं भारत का राजपत्र जारी करने की संसदीय प्रक्रिया पूर्ण करने के संबंध में ज्ञापन जिलाधिकारी बरेली को दिया गया ।
ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें रक्खी गई
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के अन्तर्गत भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियां (संशोधन) आदेश 1956 दिनांक 29 अक्टूबर, 1956 के सेड्यूल-1 पार्ट xii के क्रम संख्या-53 पर मझवार जाति अनुसूचित जाति की सूची में सम्मिलित है। सेन्सस ऑफ इण्डिया 1961 के अपेन्डिक्स-11 सेन्सस मैनुअल पार्ट-1 फॉर उ०प्र० के अपेन्डिक्स "एफ" के क्रमांक-51 पर अंकित मझवार जाति की पर्यायवाची व वंशानुगत नाम मांझी, मल्लाह, केवट, मुजाबिर, राजगोड़, गोड़, मझवार अंकित है। परन्तु समय में उक्त जातियों को अनुसूचित जाति मझवार, गोड़, तुरहा, पासी, तड़माली का जाति प्रमाण-पत्र नहीं मिल रहा है। निषाद / मछुआ समुदाय की परम्परागत पेशा मत्स्य पालन, नौका फेरी, बालू मौरंग खनन आदि है। परन्तु वर्तमान समय में पुश्तैनी पेशेवर मछुवा समुदाय अपने परम्परागत पेशों से वंचित हो बेकारी व भुखमरी की कगार पर पहुँच गया है।
विदित हो कि पिछड़े वर्ग को सर्व प्रथम 1978 में आरक्षण की व्यवस्था होने पर अनुसूचित जाति मझवार, की पर्यायवाची माझी, मल्लाह, केवट, राजगोड़ आदि, गोड़ की पर्यायवाची गोड़िया, धुरिया, कहार, रायकवार, बाथम, धीमर, राजगौड़ आदि तुरहा की समनामी धीवर, धीमर, तुरहा, तुराहा आदि, पासी तडमाली की पर्यायवाची भर राजभर को पिछड़ा वर्ग में अंकित किय जाने के कारण इन जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र मिलने पर दिक्कत उत्पन्न हो गयी। अनुसूचित जाति की सूची में किसी भी प्रकार के संसोधन का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है। जब सेन्सस -1961 में मांझी, मल्लाह, केवट को मझवार का पर्यायवाची व वंशानुगत जाति नाम मान लिया गया था तो 1978 में अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल किया जाना असंवैधानिक कदम था।
अतः अनुसूचित जाति मझवार, तुरैहा, गोड़, पासी, तडमाली जाति के व्यक्तियों की समस्या के समाधान हेतु निम्नलिखित आग्रह प्रार्थनीय है : भारत के संविधान की अनुसूची में अंकित उ०प्र० राज्य की अनुसूचित जातियों
1. की सूची में अनुसूचित जाति मझवार की पर्यायवाची मांझी, मल्लाह, केवट, मुजाबिर, राजगौड़, गोड़ मझवार आदि, गोड़ की पर्यायवाची गोड़िया, धुरिया, कहार, रायकवार, बाथम, धीमर आदि, तुरेहा की पर्यायवाची तुरहा, तुराहा, धीमर, धीवर, आदि एवं पासी तडमाली की पर्यायवाची भर, राजभर रखने की अधिसूचना एवं भारत सरकार का राजपत्र जारी करने की संसदीय परम्परा पूर्ण करने के लिए उ०प्र० सरकार का प्रस्ताव केन्द्र को भेजकर यथा आवश्यक संविधान संशोधन के माध्यम से शासनादेश जारी कराने की प्रक्रिया को पूर्ण करायी जाय।
2. उ०प्र० सरकार के 1994-95 के शासनादेश बहाल कर बालू, मौरंग खनन, मत्स्य पालन पट्टा निषाद / मछुआरा समाज की जातियों व उनकी मत्स्य जीवी सहकारी समितियों को देने का शासनादेश जारी किया गया।
3. केन्द्र पूरोधानित मछुआ आवास योजना के तहत हर जिले में एक-एक हजार मछुआ आवास बनाकर आवास विहिन गरीब मछुआरों को आवंटित किया जाय। मत्स्य विभाग में निषाद/मछुआ समुदाय के लोगों शैक्षिक शिथिलता देते हुए पूर्व की भांति 50 प्रतिशत स्थान आरक्षित किया जाय। 4.
5. मत्स्य विभाग के मछुआ पद के साथ-साथ सिंचाई विभाग व लोक निर्माण विभाग में बेलदार, कहार, मल्लाह के पद पर निषाद, मल्लाह, केवट, बिन्द, बेलदार, धीवर, कहार, मांझी जाति को सत प्रतिशत प्राथमिकता दी जाय।
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