शिकायत निवारण में मनमानी, शिकायतकर्ताओं का आरोप फोन तक नही उठाते दिल्ली जलबोर्ड के जेई नीरज राघव
उत्तरपूर्वी दिल्ली- दिल्ली जलबोर्ड की शिकायत निवारण प्रणाली की पोल आज हम खोलने वाले है । अगर आपने भी कभी whatsapp पर पीने के पानी की शिकायत दिल्ली जलबोर्ड से की है तो आपके इसके बारे में जरूर पता होगा ।
दिल्ली जलबोर्ड के शिकायत निवारण विभाग में जब भी कोई शिकायत दर्ज कराता है । तो उसे जलबोर्ड की तरफ से एक शिकायत का रेजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाता है इस नंबर के साथ क्षेत्र के जेई का नाम व फ़ोन नंबर होता है । दिल्ली जलबोर्ड की तरफ से शिकायत करता को कहा जाता है कि आप जेई से संपर्क करें । लेकिन अगर कोई जेई शिकायतकर्ताओं के फ़ोन ही ना उठाये तो आप क्या कहेंगे ?
ऐसा ही हो रहा है । उत्तरपूर्वी दिल्ली के सुदामापुरी क्षेत्र में यहां की जलबोर्ड की पाइप लाइन में लंबे समय से पीने का गंदा पानी आ रहा है । जो पीने के लायक नही है । पीने के पानी मे कही से कैमिकल या सीवर का पानी मिक्स हो कर आर हा है । जिससे लोग लगातार बीमार हो रहे है तथा लोगो का हज़ारों रुपये दवाई में जा रहा है । यहां के लोग बाहर के महंगा पानी खरीद कर पी रहे है । जबकि दिल्ली सरकार प्रति महीना 20,000 लीटर पानी फ्री दे रही है । लेकिन यहां पानी बेचने वालों का धंधा जोरो पर चल रहा है । शायद दिल्ली जलबोर्ड की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है या यू कहें कि जानबूझ कर आंखों पर पट्टी बांध रक्खी है । जिससे पानी वालो की मोटी कमाई कराई जा सके ।
यहां के लोगो का कहना है कि शिकायत के निपटारे के लिए तथा गंदे पीने के पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए यहां के शिकायतकर्ता दिल्ली जलबोर्ड के जेई नीरज राघव का फ़ोन मिलाते है लेकिन जेई नीरज राघव शिकायतकर्ताओं के फोन उठाना जरूरी नही समझते । कभी फोन नही उठाते तथा कभी फोन कट कर देते है । अब ऐसे में शिकायतकर्ता कहाँ जाए शिकायतकर्ताओं के प्रति इस प्रकार का व्यवहार कहाँ तक उचित है । शायद जेई साहब भूल गए कि उनकी महीने की सैलरी इसी जनता के टैक्स के पैसों से आती है जेई साहब खुद को पता नही क्या समझ बैठे है कि शिकायतकर्ताओं के फोन तक नही उठाते ।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि शिकायत का स्थायी समाधान तक नही किया जा रहा है । कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है । तथा जलबोर्ड के कर्मचारी उसी खानापूर्ति का वीडियो बना कर तथा फ़ोटो खींच कर सबूत के तौर पर अपने साथ ले जाते है जिससे की कार्यवाही के नाम पर फ़ोटो/वीडियो को दिखाया जा सके । खानापूर्ति के बाद शिकायतकर्ता के पास मैसेज भेज दिया जाता है की आपकी समस्या का समाधान हो चुका है । अगर आप संतुष्ट नही है तो दोबारा शिकायत करें । लेकिन वास्तव में शिकायतकर्ता की समस्या खत्म हुई या नही इससे कोई मतलब नही है । मामूली सी खानापूर्ति के बाद दिल्ली जलबोर्ड के अधिकारी मनमाने तरीके से ये तय कर लेते है कि समस्या का समाधान हो गया और शिकायतकर्ता के पास मैसेज भेज देते है । कि आपकी समस्या जा समाधान हो गया है । जबकि समस्या जस की तस बनी रहती है ।
शिकायतकर्ता फिर शिकायत करता है । इसके बाद कुछ शिकायतकर्ता बार-बार शिकायत करके थक जाते है और चुपचाप घर मे बैठ जाते है । और बाहर से महंगी पानी की बोतल खरीदना उनकी मजबूरी बन जाता है ।
इस तरह दिल्ली जलबोर्ड के अधिकारी जेई नीरज राघव के फोन न उठाने के कारण शिकायतों का निपटारा ठीक तरह से नही हो पा रहा है । जनता की समस्याओं का स्थायी समाधान करने के स्थान पर खानापूर्ति की जा रही है । अब ये जानबूझ कर किया जा रहा है या अनजाने में हो रहा है इस बात की जांच होनी चाहिए । कि दिल्ली जलबोर्ड के अधिकारी ऐसा क्यों कर रहे है । शिकायतकर्ता से पूछे बिना खुद ही तय कर लेते है कि शिकायत का निपटारा हो गया और मैसेज भेज दिए जाते है ।
दिल्ली जलबोर्ड की लापरवाही के कारण गामड़ी रोड पर बड़ी मात्रा में लगातार पीने का पानी बर्बाद हो रहा है गामड़ी रोड पर हंसराज डेरी के पास सड़क पर गड्ढा खोद कर खुला छोड़ दिया गया जिससे लगातार पीने का पानी सड़क पर बह रहा है इसी तरह अक्सर पीने का पानी बर्बाद होता रहता है लेकिन दिल्ली जलबोर्ड की लापरवाही खत्म नही होती ।
दिल्ली सरकार खुद ही अपनी पीठ थपथपाती है और दिल्ली जलबोर्ड खस्ता हाल हो चुका है ।
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