जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़, कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति, जनता ने खोली दिल्ली जल बोर्ड की पोल
दिल्ली सुदामापुरी - दिल्ली जल बोर्ड जिसके ऊपर दिल्ली के लोगो को शुद्ध पानी पिलाने की जिम्मेदारी है । लेकिन आज दिल्ली की जनता गंदा पानी पीने को मजबूर है । बाहर से महंगी पानी की बोतलें खरीद कर प्यास बुझाई जा रही है । आलम ये है कि पानी की बोतल को परचून की दुकानों पर बेचा जा रहा है ।
उत्तरपूर्वी दिल्ली के सुदामापुरी क्षेत्र में लगभग गली नंबर 7, 7a, 7b, 7c ,7d तथा 8, 9, 10, 11, 12 में मुख्य रूप ये पानी की पाइप लाइन में गंदा पानी आ रहा है जो बिल्कुल भी पीने के लायक नही है । कभी कभी तो सीवर तथा पीने के पानी मे कोई अंतर नही दिखाई देता । लोग गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है । लेकिन दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी क्षेत्र में सर्वे करने की बजाय दीवाली मनाने में व्यस्त है ।
सुदामापुरी के लोग लगातार दिल्ली जलबोर्ड के अधिकारियों तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री को शिकायतें भेज रहे है। लेकिन शिकायतों को गंभीरता से नही लिया जा रहा है । कार्यवाही के नाम पर बस खानापूर्ति की जा रही है । आश्वाशन दिया जा रहा है । यहां के लोग लगातार शिकायतें भेज रहे है लेकिन जनता की शिकायतों की कैसे अनदेखी की जा रही है ये आप वीडियो में देख सकते है ।
बेशर्मी की हद तो तब हो गई जब दीवाली के दिन भी सुदामापुरी के लोगो को दिल्ली जल बोर्ड द्वारा शुद्ध पानी नही दिया जा सका । जबकि विधायक अजय महावर द्वारा अधिकारियों फोन पर फटकार लगाई गई थी उसके बाद भी मामले को गंभीरता से नही लिया गया । तथा जलबोर्ड के अधिकारी खुद दीवाली मनाने में लगे है लेकिन सुदामापुरी की जनता जो गंदे पानी से त्रस्त है उसकी कोई चिंता नही है ।
जनता का कहना है कि जलबोर्ड के अधिकारी क्षेत्र में आना मुनासिब नही समझते अगर कभी आते भी है तो ऐसे कर्मचारी आते है जो कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करके चले जाते है । फोन तक उठाना जरूरी नही समझते । जबकि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियो की सैलरी जनता के टैक्स के पैसे से आती है । लेकिन जनता की ही सुनवाई नही है ।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली वासियो से बड़े बड़े दावे करते है लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत क्या है ये आप खुद ही देख सकते है । जो सरकार जनता को शुद्ध पीने का पानी ना पिला सके उसके बारे में क्या कहेंगे । जबकि पानी इंसान की मूलभूत जरूरत है । सुदामापुरी की जनता गंदे पानी से परेशान है लेकिन किसी को फर्क नही पड़ता ।
जनता गंदा पानी पीने के लिए मजबूर है ये कही ना कही हमारे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है क्योंकि हमारा संविधान भारत के हर नागरिक को "जीवन जीने का अधिकार" देता । और इस अधिकार के अंतर्गत भारत के हर नागरिक को शुद्ध-खाने पीने का अधिकार है। जो जीवन जीने में सहायक हो । लेकिन जनता के स्वास्थ्य से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है ।
वीडियो में आप देख सकते है दिल्ली जल बोर्ड के बारे में सुदामापुरी की जनता का क्या कहना है । दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दिल्ली में किस प्रकार कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है । आप खुद देख सकते है ।
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