सूत्रों के अनुसार स्कूल के पास खोला जाना था शराब का ठेका , करावल नगर में भाजपा ने किया जबरदस्त विरोध प्रदर्शन
पश्चिमी करावल नगर में भाजपा ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया खबर है कि स्कूल से लगभग मात्र 50 मीटर की दूरी पर शराब का ठेका खोला जाने वाला था यही नही निगमपार्षद का कार्यालय भी नजदीक ही था सूत्रों के अनुसार खोले जाने वाले शराब के ठेके का करावल नगर की जनता ने जबरदस्त विरोध किया जनता के साथ-साथ भाजपा नेताओ ने भी जम कर विरोध प्रदर्शन किया तथा शराब के ठेके बंद कराए गए । यहां के विधायक भारतीय जनता पार्टी से मोहन सिंह बिष्ट है ।
केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति पर लगातार भाजपा धरना प्रदर्शन करके इसका विरोध कर रही है । भाजपा ही नही स्थानीय नागरिकों में भी इस नई शराब नीति को लेकर रोष बना हुआ है । हैरानी की बात है कि दिल्ली की जनता साफ हवा पानी के लिए तरस रही है और केजरीवाल सरकार रिहायशी इलाकों में ठेके खोलने की नीति लागू कर रही है ।
मोहल्ला क्लिनिक कबाड़ खाना बन चुके है ।
जनता को साफ शुद्ध पीने का पानी नही मिल पा रहा है । दिल्ली जलबोर्ड खस्ता हाल हो चुका है । लेकिन साहब शराब के ठेके खोलने की कवायद कर रहे है ।
दिल्ली सरकार की ये नई शराब नीति कही ना कही मौजूदा स्थिति दर्शाने के लिए काफी है । बिजली, पानी फ्री तथा अन्य फ्री के लोक लुभावने वादे करके दिल्ली की जनता का वोट हासिल किया गया लेकिन अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इससे सरकार की कमाई पर कही ना कही असर पड़ा है । शायद उसी की पूर्ति करने के लिए दिल्ली सरकार ये नई नीति लेकर आई है ।
लेकिन भाजपा जमीनी स्तर पर केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति का विरोध कर रही है । घोण्डा विधान सभा के भाजपा विधायक अजय महावर, जिला मंत्री भुवनेश सिंघल, मंडल अध्यक्ष राजसिंह तथा अन्य भाजपा के वरिष्ठ नेताओ व कार्यकर्ता लगातार इस नई शराब नीति का विरोध कर रहे है । कल उत्तरपूर्वी दिल्ली के तीसरा पुस्ता जगजीत नगर में भाजपा ने शराब के ठेके बन्द कराए तथा रिहायशी क्षेत्रो में खुलने वाले ठेकों का विरोध किया ।
अभी कुछ दिन पहले ए ब्लॉक भजनपुरा फिर जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया गया , उसके बाद तीसरा पुस्ता , फिर अब करावलनगर में भी भाजपा धरना प्रदर्शन देखने को मिला । केजरीवाल सरकार द्वारा लागू की गई इस नई शराब नीति पर भाजपा लगातार केजरीवाल सरकार को घेर रही है ।
दिल्ली सरकार के इस कदम से कही ना कही भाजपा का जनसमर्थन बढ़ा है । और इसका असर आगामी नगर निगम चुनाव में देखने को मिल सकता है । इस नई शराब नीति को लागू करके केजरीवाल सरकार खुद ही फसती हुई नजर आ रही है ।
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