कालसर्प योग के बारे में जानिए वरिष्ठ पत्रकार तथा पंडित के बी स्वामी से ।
कालसर्प योग - परिचय
ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस योग को यूरेनस, नेप्च्युन और प्लुटो सहित सभी ग्रहों के साथ आंकलन करना चाहिए। लेकिन ऐसी स्थिति में यह योग बहुत मुश्किल से बनता है। यही कारण है कि इसके लिए मुख्य सात ग्रहों को ही सामने रखकर आंकलन किया जाता है। इस योग के आंकलन के लिए कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना आवश्यक माना गया है।
ग्रह अगर राहु और केतु के मध्य हो तब यह योग बनता है। अगर ग्रह केतु और राहु के मध्य हो तो काल सर्प योग नहीं माना जाएगा।
गणना के समय लग्न से घड़ी की विपरीत दिशा में राहु और केतु के मध्य जब ग्रह होंगे तब काल सर्प योग कहा जाएगा।
कालसर्प योग क्या है
ज्योतिष के आधार पर काल सर्प दो शब्दों से मिलकर बना है “काल और सर्प”। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार काल का अर्थ समय होता है और सर्प का अर्थ सांप इसे एक करके देखने पर जो अर्थ निकलकर सामने आता है वह है “समय रूपी सांप”।
इस योग को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना गया है। इस योग को अधिकांश ज्योतिषशास्त्री अत्यंत अशुभ मानते हैं परंतु इस योग के प्रति ज्योतिष के महान विद्वान पराशर और वराहमिहिर चुप्पी साधे हुए हैं।
कालसर्प दोष कैसे बनता है
आधुनिक ज्योतिष मानता है कि मूलत: सूर्य, चंद्र और गुरु के साथ राहू के होने को कालसर्प दोष बनता है। राहू का अधिदेवता 'काल' है तथा केतु का अधिदेवता 'सर्प' है। इन दोनों ग्रहों के बीच कुंडली में एक तरफ सभी ग्रह हों तो 'कालसर्प' दोष बनता हैं।
कालसर्प योग कब तक रहता है
कालसर्प दोष के लक्षण
कालसर्प दोष के लक्षण निम्नलिखित है:
परिजन तथा सहयोगी से धोखा खाना, खासकर ऐसे व्यक्ति जिनका आपने कभी भला किया हो।
एक अन्य लक्षण कालसर्प दोष यह है कि उस वक्त संतान की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है।
विवाह में विलंब भी कालसर्प दोष का ही एक लक्षण है। यदि ऐसी स्थिति दिखाई दे तो निश्चित ही किसी विद्वान ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए।
घर में कोई सदस्य यदि लंबे समय से बीमार हो और वह स्वस्थ नहीं हो पा रहा हो साथ ही बीमारी का कारण पता नहीं चल रहा है तब।
बाल्यकाल में किसी भी प्रकार की बाधा का उत्पन्न होना। अर्थात घटना-दुर्घटना, चोट लगना, बीमारी आदि का होना।
विद्या अध्ययन में रुकावट आना या फिर ऐसी कोई आर्थिक अथवा शारीरिक बाधा जिससे अध्ययन में व्यवधान उत्पन्न हो जाए।
रोजगार में दिक्कत या फिर रोजगार हो तो बरकत न होना।
इस दोष के चलते घर की महिलाओं को कुछ न कुछ समस्याएं उत्पन्न होती रहती हैं।
रोज घर में कलह का होना। पारिवारिक एकता खत्म हो जाना।
घर-परिवार मांगलिक कार्यों के दौरान बाधा उत्पन्न होना।
राहु- केतु की भावगत स्थिति के आधार पर अनन्तादि 12 प्रकार के कालसर्प योग निर्मित होते हैं। कालसर्प योग के कारण सूर्यादि सप्तग्रहों की शुभफल देने की क्षमता समाप्त हो जाती है। इससे जातक को 42 साल की आयु तक परेशानियां झेलनी पड़ती है। लेकिन दूसरी तरफ किसी की कुंडली में कालसर्प योग होने के बाद भी जातक की उन्नति होती है।
कालसर्प योग के प्रकार
मूलरूप से कालसर्प योग के बारह प्रकार होते हैं इन्हें यदि 12 लग्नों में विभाजित कर दें तो 12 x 12 =144 प्रकार के कालसर्प योग संभव हैंI परन्तु 144 प्रकार के कालसर्प योग तब संभव हैं जब शेष 7 ग्रह राहु से केतु के मध्य स्थित हो.
मूलरूप से कालसर्प योगों के 12 प्रकार निम्नलिखित हैं:
अनंत कालसर्प योग
कुलिक कालसर्प योग
वासुकि कालसर्प योग
शंखपाल कालसर्प योग
पदम कालसर्प योग
महापदम कालसर्प योग
तक्षक कालसर्प योग
कारकोटक कालसर्प योग
शंखचूड़ कालसर्प योग
घातक कालसर्प योग
विषधर कालसर्प योग
शेषनाग कालसर्प योग
1अनंत कालसर्प दोष के उपाय
अनंत कालसर्प दोष
अनंत कालसर्प योग
यदि लग्न में राहु एवं सप्तम् में केतु हो, तो यह योग बनता है. जातक कभी शांत नहीं रहता. झूठ बोलना एवं षड़यंत्रों में फंस कर कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाता रहता है.
अनंत कालसर्प दोष उपाय
अनन्त कालसर्प दोष के होने पर नागपंचमी के दिन एकमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.
अनन्त कालसर्प दोष के कारण जातक का स्वास्थ्य सही नही रहता है, तो नाग पंचमी वाले दिन रांगे (एक धातु) से बना सिक्का नदी में प्रवाहित करना चाहिए.
2कुलिक कालसर्प दोष के उपाय
कुलिक कालसर्प दोष
कुलिक कालसर्प योग
यदि राहु धन भाव में एवं केतु अष्टम हो, तो यह योग बनता है. इस योग में पुत्र एवं जीवन साथी सुख, गुर्दे की बीमारी, पिता सुख का अभाव एवं कदम कदम पर अपमान सहना पड़ सकता है.
कुलिक कालसर्प दोष उपाय
कुलिक कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को दो रंग के कंबल या गर्म कपडे ग़रीबों को दान करने चाहिए.
इस दोष वाले जातक को चांदी की बनी ठोस गोली लेकर उसकी पूजा करके, उसे आजीवन अपने पास रखना चाहिए.
3वासुकि कालसर्प दोष के उपाय
वासुकि कालसर्प दोष
वासुकी कालसर्प योग
यदि कुंडली के तृतीय भाव में राहु एवं नवम भाव में केतु हो एवं इसके मध्य सारे ग्रह हों, तो यह योग बनता है. इस योग में भाई-बहन को कष्ट, पराक्रम में कमी, भाग्योदय में बाधा, नौकरी में कष्ट, विदेश प्रवास में कष्ट उठाने पड़ते हैं.
वासुकि कालसर्प दोष उपाय
वासुकि कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को नाग पंचमी से एक दिन पहले रात को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखकर सोना चाहिए और फिर सुबह जल्दी उठकर उसे पक्षियों को खिला देना चाहिए.
इस दोष से पीड़ित जातक को नागपंचमी वाले दिन लाल धागे में तीन मुखी, आठ मुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए.
5.शंखचूड़ कालसर्प दोष के उपाय
शंखचूड़ कालसर्प दोष
शंखचूड़ कालसर्प योग
यदि राहु सुख भाव में एवं केतु कर्म भाव में हो तो यह योग बनता है. ऐसे जातक के व्यवसाय में उतार-चढ़ाव एवं स्वास्थ्य खराब रहता है.
शंखचूड़ कालसर्प दोष उपाय
यह दोष की शांति के लिए जातक को नागपंचमी के दिन रात को सोने से पहले सिरहाने के पास जौ रखना चाहिए और अगले दिन सुबह उठकर पक्षियों को खिला देना चाहिए.
शंखचूड़ कालसर्प दोष वाले जातक को पांचमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष अभिमंत्रित करके धारण करना चाहिए.
5पद्म कालसर्प दोष के उपाय
पद्म कालसर्प दोष
पद्म कालसर्प योग
अगर पंचम भाव में राहु एवं एकादश में केतु हो तो यह योग बनता है. इस योग में संतान सुख का अभाव एवं वृद्धा अवस्था में दुखद होता है. शत्रु बहुत होते हैं, सट्टे में भारी हानि होती है.
पद्म कालसर्प दोष उपाय
पद्म कालसर्प दोष वाले जातक को नाग पंचमी वाले दिन से रोज़ाना लगातार 40 दिनों तक माँ सरस्वती जी चालीसा का पाठ करे.
इस दोष से पीड़ित जातकों को नाग पंचमी वाले दिन पीले वस्त्र का दान गरीबों को करना चाहिए.
जिस भी जातक को यह दोष है उन्हें नाग पंचमी वाले दिन अपने घर में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए.
6महापद्म कालसर्प दोष के उपाय
महापद्म कालसर्प दोष
महापद्म कालसर्प योग
यदि राहु छठें भाव में एवं केतु व्यय भाव में हो तो यह योग बनता है. इसमें पत्नी विरह, आय में कमी, चरित्र हनन का कष्ट आदि भोगना पड़ता है.
महापद्म कालसर्प दोष उपाय
महापद्म कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को नाग पंचमी वाले दिन श्री हनुमान मंदिर में जाकर सुन्दरकाण्ड का पाठ करे.
इस दोष से पीड़ित जातक को नागपंचमी वाले दिन गरीब और असहायों लोंगो को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा देनी चाहिए.
7तक्षक कालसर्प दोष के उपाय
तक्षक कालसर्प दोष
तक्षक कालसर्प योग
यदि राहु सप्तम् में एवं केतु लग्न में हो तो यह योग बनता है. ऐसे जातक की पैतृक संपत्ति नष्ट होती है, पत्नी सुख नहीं मिलता, बार-बार जेल यात्रा करनी पड़ती है.
तक्षक कालसर्प दोष उपाय
तक्षक कालसर्प दोष वाले जातक को नागपंचमी वाले दिन 11 नारियल बहते हुए जल मे प्रवाहित करना चाहिए.
जिस भी व्यक्ति को यह दोष है तो उन्हें नागपंचमी वाले दिन सफेद वस्त्र और चावल का दान करना चाहिए.
8कर्कोटक कालसर्प दोष के उपाय
कर्कोटक कालसर्प दोष
कर्कोटक कालसर्प योग
यदि राहु अष्टम में एवं केतु धन भाव में हो, तो यह योग बनता है. इस योग में भाग्य को लेकर परेशानी होगी. नौकरी की संभावनाएं कम रहती है, व्यापार नहीं चलता, पैतृक संपत्ति नहीं मिलती और साथ ही ये जातक बीमारियों से भी घिरे रहते हैं.
कर्कोटक कालसर्प दोष उपाय
इस दोष से पीड़ित व्यक्तिओं को नागपंचमी वाले दिन बटुकभैरव के मंदिर मे जाकर दही-गुड़ का भोग लगाकर उनकी पूजा अर्चना करनी चाहिए.
कर्कोटक कालसर्प दोष वाले जातकों को नागपंचमी वाले दिन बहते हुए जल में आठ टुकड़े शीशे के प्रवाहित करने चाहिए.
9शंखपाल कालसर्प दोष के उपाय
शंखपाल कालसर्प दोष
शंखपाल कालसर्प योग
यदि राहु नवम् में एवं केतु तृतीय में हो, तो यह योग बनता है. जातक भाग्यहीन हो अपमानित होता है, पिता का सुख नहीं मिलता एवं नौकरी में बार-बार निलंबित होता है.
शंखपाल कालसर्प दोष उपाय
इस दोष से पीड़ित जातक को नाग पंचमी वाले दिन बहते हुए जल में 400 ग्राम साबूत बादाम बहाने चाहिए.
शंखपाल कालसर्प दोष होने पर जातक को नाग पंचमी वाले दिन शिवलिंग का अभिषेक दूध से करना चाहिए.
10घातक कालसर्प दोष के उपाय
घातक कालसर्प दोष
घातक कालसर्प योग
यदि राहु दशम् एवं केतु सुख भाव में हो तो यह योग बनता है. ऐसे जातक संतान के रोग से परेशान रहते हैं, माता या पिता का वियोग होता है.
घातक कालसर्प दोष उपाय
घातक कालसर्प दोष वाले जातक को नागपंचमी वाले दिन पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल में रखना चाहिए.
इस दोष से पीड़ित जातक को नागपंचमी वाले दिन हरे रंग के धागे में चार मुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए.
11विषधर कालसर्प दोष के उपाय
विषधर कालसर्प दोष
विषधर कालसर्प योग
यदि राहु लाभ में एवं केतु पुत्र भाव में हो तो यह योग बनता है. ऐसे जातक घर से दूर रहते है, भाईयों से विवाद रहता है एवं शरीर आलसी हो जाता है.
विषधर कालसर्प दोष उपाय
विषधर कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्तिओं को नागपंचमी वाले दिन अपने परिवार के सभी सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर, एक एक नारियल पर उनका हाथ छुआ कर उसे बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए.
इस दोष से पीड़ित जातक को नागपंचमी वाले दिन भगवान शिव के मंदिर में जाकर दान-दक्षिणा करनी चाहिए.
12शेषनाग कालसर्प दोष के उपाय
शेषनाग कालसर्प दोष
शेषनाग कालसर्प योग
यदि राहु व्यय में एवं केतु रोग में हो, तो यह योग बनता है. ऐसे जातक शत्रुओं से पीड़ित रहेगे, शरीर सुखित नहीं रहेगा एवं उनका न्यायालय का चक्कर लग सकता है.
शेषनाग कालसर्प दोष उपाय
शेषनाग कालसर्प दोष वाले जातक नागपंचमी की पूर्व रात्रि को लाल कपड़े में थोड़े से बताशे व सफेद फूल बांधकर अपने सिरहाने रखकर सो जाये और नागपंचमी वाले दिन उन सब को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें.
इस दोष से पीड़ित जातकों को नागपंचमी वाले दिन गरीबों को दूध या कोई भी सफ़ेद रंग की वस्तुएं दान करनी चाहिए.
*ज्योतिषाचार्य पंडित के बी स्वामी*
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