बढ़ी केजरीवाल सरकार की चिंता, नई आबकारी नीति के विरोध में कल दिल्ली में भाजपा करेगी चक्का जाम
उत्तरपूर्वी दिल्ली - कल 3 जनवरी को दिल्ली भाजपा का चक्का जाम आंदोलन का आह्वान किया गया है आपको बताते चलें कि भाजपा लगातार दिल्ली की केजरीवाल द्वारा लाई गई नई शराब नीति का विरोध कर रही है जिसके अंतर्गत राजधानी दिल्ली के रिहायशी क्षेत्रो मे शराब के ठेके खोले जा रहे है ।
दिल्ली की जनता भी लगातार इस नई आबकारी नीति का विरोध कर रही है इसी मामले में भाजपा ने कल दिल्ली सरकार की नई शराब नीति के विरोध मे भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओ व पदाधिकारियों को इस चक्का जाम आंदोलन में भाग लेने के लिए सूचित किया है उनसे कहा गया है कि उत्तर पूर्वी जिले के सभी मंडलों के कार्यकर्ता एवं मोर्चा के कार्यकर्ता अपने अपने पार्षद और विधायक के नेतृत्व में सिगनेचर ब्रिज पर चक्का जाम करेंगे । तथा सभी भाजपा के कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया गया है कि वो कल दिनाँक 3 जनवरी को सही 9:00 बजे प्रातः तक चक्का जाम के स्थान पर पहुंच जाएं । बुराड़ी और तिमारपुर के कार्यकर्ता सिगनेचर पुल पार करके अपनी गाड़ियां खड़ी करके वही एकत्र होंगे और और घोंडा, करावल नगर व सीलमपुर के कार्यकर्ता खजूरी से आने वाला पुल पार करके सिग्नेचर से पहले अपनी गाड़ियां लगा देंगे ।
खबर के अनुसार सभी कार्यकर्ता से कहा जा रहा है कि वो समय का ध्यान रखें "हमें हर हाल में चक्का जाम करना है इसलिए युवा शक्ति को इस कार्यक्रम में ज्यादा भागीदारी कराए" । सभी मोर्चों के जिलाध्यक्ष भी अपने मोर्चो की संख्या की चिंता कर ले । जिन मंडलों के पास अपने हैंड माइक हैं वह हैंड माइक भी कार्यक्रम स्थल पर लेकर आये जिससे हम जनता को अपने चक्का जाम का मकसद बता सके आप समय पर पहुंचकर इस चक्का जाम को कामयाब करेंगे ।
उत्तरपूर्वी दिल्ली के घोंडा विधान सभा के विधायक अजय महावर तथा अन्य विधान सभाओं में भी भाजपा लगातार नई आबकारी नीति का विरोध कर रही है । यही नही दिल्ली की महिलाएं भी इस नीति के विरोध में दिखाई दे रही है । आगामी चुनाव में केजरीवाल सरकार को इस विरोध का परिणाम दिखाई दे सकता है ।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष बिजेंद्र वत्स, जिला मंत्री भुवनेश सिंघल, भजनपुरा मंडल अध्यक्ष राजसिंह रज्जू व तमाम भाजपा के कार्यकर्ता तथा पदाधिकारी अपनी अवाज़ को बुलंद कर रहे है ।
लेकिन अब इस आंदोलन को नया रूप दिया जा रहा है जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मे इसका व्यापक असर हो तथा केजरीवाल सरकार इस नई आबकारी नीति पर पुनः विचार करें । की आम जनमानस पर इसका क्या असर होने वाला है और ये नीति अगर इतनी अच्छी है तो इसका विरोध क्यों हो रहा है ।
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