अलौकिक संवाद: गुनीत स्वानी और योगी प्रियव्रत अनिमेष जी की आध्यात्मिक भेंट
दिल्ली- ओज आश्रम, दिल्ली के लिए एक ऐतिहासिक क्षण लेकर आया, जब प्रसिद्ध सामाजिक उद्यमी और मिलेट्स-आधारित स्वास्थ्य जागरूकता की प्रबल समर्थक, गुनीत स्वानी ने योगी प्रियव्रत अनिमेष जी से भेंट की। यह भेंट केवल औपचारिक चर्चा तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें ब्रह्मांडीय ऊर्जा, चक्रों की शक्ति, और आध्यात्मिक चेतना के उच्चतम आयामों पर गहन संवाद हुआ।
योगी जी द्वारा सोल उठाकर सम्मान
गुनीत स्वानी के आगमन पर, योगी प्रियव्रत अनिमेष जी ने उनका सोल (विशिष्ट अंगवस्त्र) उठाकर सम्मान किया। यह सम्मान न केवल उनके सामाजिक कार्यों के प्रति आभार का प्रतीक था, बल्कि उनकी आध्यात्मिक यात्रा को प्रोत्साहित करने का संकेत भी था। इस दिव्य सम्मान के साथ योगी जी ने उन्हें यह संदेश दिया कि उनके कार्य केवल समाज के लिए ही नहीं, बल्कि मानवता की आध्यात्मिक चेतना को भी ऊंचा उठाने का माध्यम हैं।
'8: The Infinite Path' पुस्तक भेंट
इस भेंट के दौरान योगी जी ने गुनीत स्वानी को अपनी विशेष पुस्तक '8: The Infinite Path' भेंट की। यह पुस्तक ब्रह्मांडीय ऊर्जा, चक्रों की शक्ति, और जीवन के अनंत मार्ग को समझने का मार्गदर्शक है। योगी जी ने कहा, "यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो जीवन को केवल भौतिकता के स्तर पर नहीं, बल्कि आत्मा और ब्रह्मांड के गहन संबंध के माध्यम से समझना चाहते हैं। '8' अनंतता का प्रतीक है, जो हमें यह सिखाता है कि जीवन का हर पहलू अनंत संभावनाओं और चेतना से भरा हुआ है।"
चक्र और ब्रह्मांडीय तालमेल पर संवाद :
गुनीत स्वानी ने योगी जी से चक्रों की ऊर्जा और ब्रह्मांडीय तालमेल का गहन ज्ञान प्राप्त किया। योगी जी ने बताया कि चक्र केवल हमारे शरीर के ऊर्जास्थल नहीं हैं, बल्कि वे ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ हमारे संबंध को मजबूत करने वाले साधन हैं। उन्होंने कहा, "जब चक्र जागृत होते हैं, तो वे हमें ब्रह्मांड की अनंत ऊर्जा से जोड़ते हैं। यही संतुलन जीवन की पूर्णता का मार्ग है।"
योगी जी ने कुंभ मेले के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इसे 'ब्रह्मांडीय ऊर्जा का महासंगम' कहा, जहां आत्मा और ब्रह्मांड एक साथ जुड़ते हैं। उन्होंने कहा, "कुंभ का हर स्नान केवल शरीर को शुद्ध करने का नहीं, बल्कि आत्मा को ब्रह्मांडीय चेतना से जोड़ने का अवसर है।"
गुनीत स्वानी की प्रतिक्रिया :
गुनीत स्वानी ने योगी जी से प्राप्त इस अलौकिक ज्ञान और सम्मान के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "योगी प्रियव्रत अनिमेष जी का यह मार्गदर्शन मेरे लिए एक नई दिशा है। उनकी पुस्तक '8: The Infinite Path' मेरे कार्यों और जीवन में नई ऊर्जा का संचार करेगी। उन्होंने मुझे यह सिखाया कि आत्मा और ब्रह्मांड का तालमेल ही हमारे जीवन का सर्वोच्च सत्य है।"
सामाजिक और आध्यात्मिक एकता का संगम
यह भेंट केवल आध्यात्मिक संवाद तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें सामाजिक जागरूकता और मानवीय कल्याण के विषयों पर भी चर्चा हुई। योगी जी ने मिलेट्स के महत्व को मानव स्वास्थ्य और पर्यावरणीय संतुलन के संदर्भ में रेखांकित किया। उन्होंने गुनीत स्वानी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा, "आपके प्रयास न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में, बल्कि मानवता की सेवा के लिए भी प्रेरणा हैं।"
अंतिम संदेश :
यह भेंट मानव चेतना और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के गहनतम पहलुओं को उजागर करने का एक अनूठा अवसर बनी। योगी प्रियव्रत अनिमेष जी और गुनीत स्वानी के बीच यह संवाद आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बनकर, भविष्य में नए आयाम स्थापित करने का आधार बनेगा। ओज आश्रम में हुई इस भेंट ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि जब चेतना के दो उच्च स्तर मिलते हैं, तो विचारों का संगम मानवता के लिए प्रेरणा और नवाचार लेकर आता है।
रिपोर्ट- सुनित नरूला
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